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सपा को हराने के लिए भाजपा का भी देंगे साथ : मायावती:-

बसपा में विधायकों की बगावत से भड़की मायावती ने सपा को हराने के लिए भाजपा व अन्य विरोधी पार्टियों का साथ देने तक का एलान किया है। वह गुरुवार को समाजवादी पार्टी पर जमकर बरसीं। उन्होंने कहा कि बसपा विधायकों को तोड़ने वाले अखिलेश का वही हाल होगा जो 2007 में उनके पिता (मुलायम सिंह यादव) का हुआ था। मायावती ने सपा से गठबंधन को चुनावी भूल व गेस्ट हाउस कांड का मुकदमा वापस लेने को गलती मानते हुए कहा कि सपा को उसी की भाषा में जवाब देंगे। राज्यसभा चुनाव का बदला विधानपरिषद चुनाव में सपा उम्मीदवारों को हराकर लेंगे। सपा को सबक सिखाने के लिए वह किसी भी हद तक जाएंगी।

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समाजवादी पार्टी द्वारा पहुंचाई सियासी चोट से बिफरीं मायावती ने उन तमाम बातों को दोहराया जिन्हें गत लोकसभा चुनाव में गठबंधन से पहले मुलायम परिवार के खिलाफ सार्वजनिक तौर पर कहती थीं। सपा को घोर दलित विरोधी करार देते हुए उन्होंने वर्ष 2003 में मुलायम सिंह द्वारा बसपा के 38 विधायकों को तोड़कर अपनी सरकार बनाने की याद दिलाई। कहा कि अखिलेश भी अपने पिता के पदचिन्हों पर चलकर वही गलत कार्य कर रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव में सपा का काफी खराब हाल होगा और बसपा 2007 की तरह बहुमत की सरकार बनाएगी। मायावती ने कांशीराम के बीमार रहते उनके भाई द्वारा अलग पार्टी बनाकर बसपा के विरोध में यूपी व पंजाब में दौरे कराने का ठीकरा भी सपा पर फोड़ा।

मायावती ने गत लोकसभा चुनाव में सपा से गठबंधन पर भी सफाई दी। उनका कहना था कि गठबंधन का फैसला जल्दबाजी में लिया गया था। सपा ने कभी गठबंधन धर्म नहीं निभाया। पारिवारिक कलह के चलते गठबंधन का लाभ नहीं मिल सका। गठबंधन होते ही अखिलेश की मंशा दिखने लगी थी। वे लगातार गेस्ट हाउस कांड का मुकदमा वापस लेने के लिए दबाव बनाते रहे। चुनावी नतीजे आने के बाद सपा का बदला व्यवहार देखकर मुकदमा वापस लेने की गलती का अहसास होने लगा था।

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मिश्रा का फोन न उठाना ब्राह्मणों का अपमान

सपा-बसपा के बिगड़ते रिश्तों को उजागर करते हुए मायावती ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में ¨डपल यादव को उतारने पर बसपा ने समर्थन देने के लिए अखिलेश यादव से संपर्क का प्रयास किया। महासचिव सतीश मिश्रा ने उन्हें कई बार फोन किया, परंतु उनका फोन नहीं उठा। यह ब्राह्मण समाज के अपमान जैसा है जिसका बदला समाज जरूर लेगा।

मायावती के तेवर कड़े, बागी सात विधायक निलंबित

रुष्टयहृह्रङ्ख (29 ह्रष्ह्ल): राज्यसभा चुनाव में बगावत करने के आरोप में बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने सात विधायकों को गुरुवार को पार्टी से निलंबित कर दिया। इनमें चौधरी असलम अली-धौलाना, हरगो¨वद भार्गव पासी-सिधौली, मुज्तबा सिद्दीकी-प्रतापपुर, हाकिम लाल ¨बद-हंडिया, मोहम्मद असलम राईनी-भिगना, सुषमा पटेल-मुगरा बादशाहपुर व वंदना सिंह-सगड़ी विधानसभा क्षेत्र से हैं। गुरुवार को जारी बयान में मायावती ने कहा है कि इन विधायकों के दूसरी पार्टी में जाते ही या अन्य किसी मामले में दलबदल कानून के तहत विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने की कार्यवाही भी की जाएगी। बसपा भविष्य में इनको कभी कोई चुनाव नहीं लड़ाएगी। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि निलंबित विधायकों को पार्टी के किसी कार्यक्रम में न बुलाया जाए।

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