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यूपी सरकार ने जारी की आधिकारिक रिपोर्ट पिछले वित्त वर्ष की की तुलना में इस बार पहली तिमाही में 22.5 फीसदी की गिरावट

कोरोना महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था का बुरा असर डाला है. देश के सबसे बड़े राज्यों में शुमार उत्तर प्रदेश भी इससे अछूता नहीं रहा है. सरकार की तरफ से जारी आधिकारिक रिपोर्ट में इस बार पिछले वित्त वर्ष की तुलना में पहली तिमाही में 22.5 फीसदी की गिरावट हुई है.

सबसे ज्यादा नुकसान उद्योग सेक्टर पर पड़ा है. खास बात ये रही कि कृषि सेक्टर ने लॉकडाउन में भी प्रदेश की अर्थव्यवस्था को संभाले रखा, यही नहीं इस सेक्टर में वृद्धि भी दर्ज की गई.

उत्तर प्रदेश के नियोजन विभाग के अर्थ एवं संख्या प्रभाग ने वित्तीय वर्ष 2019-20 की पहली तिमारी यानी अप्रैल से जून से 2020-21 की पहली तिमाही की तुलना सकल और निवल राज्य घरेलू उत्पाद के अनुमान स्थिर (2011-12) व प्रचलित भावों पर तैयार किए हैं. प्रभाग के निदेशक के अनुसार वर्ष 2020-21 में स्थिर भावों पर सकल राज्य घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 2019-20 की पहली तिमाही की अपेक्षा माइनस (-22.5 प्रतिशत) रही।

वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में जीएसडीपी 1,99,567 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि वर्ष 2019-20 में यह 2,57,639 करोड़ रुपये थी. स्थिर भावों पर प्राथमिक क्षेत्र में सकल राज्य घरेलू मूल्य वर्धन की वृद्धि दर 2019-20 की पहली तिमाही की तुलना में 4.5 प्रतिशत होने का अनुमान है. वहीं, द्वितीयक तथा तृतीयक क्षेत्र की वृद्धि दर -42.9 प्रतिशत और -22.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. प्रचलित भावों पर भी जीएसडीपी में 22 फीसद की गिरावट अनुमानित है.

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