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लखनऊ में एक्सीडेंट के आंकड़ों को काम करना ही एक साझदारी का प्रमाणपत्र है :-

शहर को जाम मुक्त और एक्सीडेंट के आंकड़े को कम करना ही ट्रैफिक विभाग के लिए प्रमाण पत्र है। रविवार को 1090 चौराहे से यातायात माह का शुभांरभ किया गया। एक माह तक चलने वाले इस कार्यक्रम में संकल्प लिया गया कि रोड हादसे में न केवल कमी करने का हर संभव प्रयास किया जाएगा बल्कि उसमें होने वाली मौत के आंकड़ों को भी कम किया जाएगा। यूपी में 2019 के आंकड़े बताते हैं कि 42536 रोड एक्सीडेंट में 22251 लोगों की मौत हुई थी जबकि 22685 लोग घायल हुए थे। इस आंकड़े को 2020 व आने वाले वर्ष में कम करने के लिए एजेंडा बनाकर काम करने की जरूरत है।

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एडीजी ट्रैफिक अशोक कुमार ने बताया कि चालान और शमन शुल्क के आंकड़े नियमों के उल्लंघन की खुद गवाही दे रहे हैं। वर्ष 2018 में यातायात नियमों के उल्लंघन के चलते 78 करोड़ शमन शुल्क वसूला गया जो 2019 में बढ़कर दोगुना यानि 154 करोड़ रुपये हो गया। वहीं सबसे ज्यादा एक्सीडेंट ओवर स्पीड की वजह से हो रहे हैं।

Reducing Accident Statistics Is The Certificate Of Success - Lucknow News

एडीजी लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि ट्रैफिक नियमों के प्रति खुद लोगों को जागरूक होना पड़ेगा। पुलिस अपना काम कर रही है। उन्होंने बताया कि आज के दौरान ट्रैफिक खुद में एक साइंस है जो कई संगठनों के साथ मिलकर काम कर रहा है। डीसीपी ट्रैफिक ख्याति गर्ग ने बताया कि इस साल अब तक 802 सड़क हादसे लखनऊ में हुए, जिसमें 358 लोगों की मौत हुई। उनका दावा है कि यह आंकड़े पिछले साल के मुकाबले कम हैं। प्रोग्राम में ट्रैफिक पुलिस से संबंधित उपकरणों का एक स्टॉल भी लगाया गया। इस मौके पर यातायात पथ प्रदर्शक पुस्तिका का विमोचन किया गया। पुस्तिका में यातायात नियमों से संबंधित जानकारी दी गई है। इस मौके पर एडीजी जोन एसएन साबत, जेसीपी लॉ एंड आर्डर नवीन अरोड़ा, नगर आयुक्त अजय कुमार सहित पुलिस के अन्य अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।

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