भोपाल और आसपास के इलाकों में समय से पहले ही हुए ठंड के तेवर रहें सतर्क :-
अमूमन मध्य प्रदेश में नवंबर माह का पहला पखवाड़ा बीतने के बाद ही न्यूनतम तापमान में गिरावट होना शुरू होती है। इसके बाद दिसंबर-जनवरी माह में सर्दी चरम पर पहुंचती है, लेकिन इस बार नवंबर की शुरुआत में ही रात का पारा 10 डिग्री से नीचे पहुंच गया है। खासकर राजधानी भोपाल और आसपास के क्षेत्रों में अचानक ठंड बढ़ गई है। इसी क्रम में रायसेन में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक पिछले दिनों पश्चिमी विक्षोभ के असर से उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के साथ बर्फबारी भी हुई थी। इससे उत्तर भारत के पहाड़ी इलाके क ड़ाके की ठंड की चपेट में आ गए हैं। फिलहाल कोई वेदर सिस्टम सक्रिय नहीं रहने से वातावरण पूरी तरह शुष्क हो गया है। नमी नहीं रहने से आसमान भी साफ है। इससे दिन भर धूप रहने के बाद सूर्य की किरणें धरती से टकराने के बाद परावर्तित होकर चली जाती हैं। इससे शाम ढलते ही ठंड का अहसास बढ़ने लगता है। साथ ही इस बार ठंड के मौसम के लिए अनुकूल हवाओं का पैटर्न उत्तरी, उत्तर-पश्चिमी नवंबर की शुरुआत में ही सेट हो गया है। इससे उत्तर भारत की तरफ से आ रही सर्द हवाओं ने समय से पहले मध्यप्रदेश में सिहरन बढ़ा दी है। इससे दिन का अधिकतम तापमान जहां सामान्य होने लगा है,वहीं अधिकांश क्षेत्रों में रात का तापमान सामान्य से नीचे लुढ़कने लगा है। वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला बताते हैं कि अभी नौ नवंबर तक मौसम इसी तरह शुष्क बना रहने का अनुमान है। इससे राजधानी सहित प्रदेश के अधिकांश स्थानों में रात के तापमान में रिकॉर्ड गिरावट होने की संभावना बढ़ गई है।
अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में एक प्रति चक्रवात गुजरात और उससे लगे पश्चिमी मप्र पर बना हुआ है। इस वजह से प्रदेश के पश्चिमी इलाकों(मालवा-निमाड़) में हवा का पैटर्न अभी बीच-बीच में पूर्वी हो रहा है। इससे इंदौर,उज्जैन संभाग में रात के तापमान में विशेष गिरावट दर्ज नहीं हो पा रही है। प्रति चक्रवात का असर समाप्त होते ही उस क्षेत्र में भी ठंड का असर बढ़ने लगेगा।