अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के बाद सोने में आ सकती है बढ़ोतरी की जोरदार तेजी :-
दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतगणना जारी है. इस बार अमेरिका की कमान डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बिडेन के हाथों में रहेगी या फिर वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ही आगे भी सत्ता संभालेंगे. इस बारे में तो फिलहाल अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है, लेकिन भारत सहित दुनियाभर के बाजारों की नजरें इस चुनाव पर लगी हुई हैं. अमेरिका चुनावों के रिजल्ट से भारत सहित सभी देशों के बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है |
कैसी है इस समय अमेरिकी बाजारों की चाल
आपको बता दें मंगलवार को अमेरिकी बाजारों में तेजी दर्ज हुई. प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स डाओ जोंस 554 अंकों की बढ़त के साथ बंद हुआ. इसके अलावा टेक्नोलॉजी वाली शेयरों का इंडेक्स नैस्डैक 202 अंक बढ़कर बंद हुआ है. वहीं, S&P में 58 अंकों की बढ़त देखने को मिली |
अमेरिका में साल 2016 से 2020 तक डोनाल्ड ट्रंप के हाथ में सत्ता रही थी. इस कार्यकाल में बाजार ने कितने फीसदी का रिटर्न दिया है आज हम आपको इस बारे में डिटेल में बताएंगे कि अमेरिका में साल 2016 से लेकर 2020 तक बाजार की
कैसी स्थिति रही-
S&P 500 – 54.7%
MSCI EM – 23.5%
Gold – 48.4%
Oil – (-18.2%)
पिछले 4 सालों के कार्यकाल में S&P 500 इंडेक्स में 54.7 फीसदी बढ़ा है. इसके अलावा MSCI EM में भी 23.5 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है. वहीं, गोल्ड 48.4 फीसदी रहा. इसके अलावा पिछले कार्यकाल की तुलना में कच्चे तेल में -18.2 फीसदी की गिरावट रही है. वहीं डॉलर इंडेक्स में भी -4.0 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है |
जानकारों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में कोई भी जीते निवेशकों को इस समय निवेश के प्रति सावधान रहना चाहिए और सिर्फ चुनाव नतीजों के आधार पर कोई भी निर्णय नहीं लेना चाहिए. वैसे लॉन्ग टर्म के लिहाज से यह देखा गया है कि अमेरिका में डेमाक्रेट पार्टी का उम्मीदवार जीते या रिपब्लिकन का निवेश पर ज्यादा असर नहीं पड़ता. रिपोर्ट में कहा गया हे, ‘चुनाव के अलावा कई और कारक शेयर बाजारों पर असर डाल सकते हैं, जैसे वैल्युएशन, ब्याज दरें, महंगाई आदि |
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल में सोने के मुकाबले शेयर मार्केट ने कई बार रिकॉर्ड स्तर को छुआ. अगर अमेरिकी चुनाव में ट्रंप की जीत होती है तो शेयर मार्केट में मुनाफा वसूली बढ़ेगी जिससे सोने की कीमतों पर असर देखने को मिलेगा. वहीं अगर ट्रंप हार जाते हैं तो इक्विटी मार्केट क्रैश होने का खतरा बढ़ जाएगा. अगर ऐसा होता है तो लोग सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने में अपना पैसा लगाएंगे. जिससे सोने की कीमतों में तेजी आने की गुंजाइश बन जाएगी |
यूबीएस ग्रुप एजी में असेट अलोकेशन के प्रमुख एड्रियन जुर्चर आने वाले महीनों के बारे में आशावादी हैं. लेकिन, प्रेसीडेंट इलेक्शन से संबंधित जोखिमों को ध्यान में रखते हुए वे कहते हैं कि हम निवेशकों को गोल्ड को खरीदने की सलाह दे रहे है. और विकल्प में कुछ लीनियर इक्विटी एक्सपोजर को भी शामिल करने की बात कही गई है. इससे गिरते और बढ़ते बाजारों में पॉजिटिव रिटर्न मिलने की संभावना होती है. एड्रियन जुर्चर कहते हैं कि ट्रंप की जीत से भारतीय शेयर बाजार में हांगकांग के मुकाबले दबाव देखने को मिल सकता है |
जूलियस बेयर के मार्क मैथ्यूज मानते हैं कि कैश या हाई ग्रेड के बांड सोने की तुलना में बेहतर हेज होते हैं. क्योंकि गोल्ड ने इस साल साबित कर दिया है कि यह रिस्क फ्री असेट्स से अधिक रिस्क फ्री है. इसके अलावा जॉनस हेंडरसन इनवेस्टर्स में मल्टी-एसेट के प्रमुख पॉल ओ’कॉनर को उम्मीद है कि मजबूत डेमोक्रेट सरकार के तहत फिस्कल राहत मिल सकती है. इससे रियल बांड यील्ड बढ़ेगी. और इस साल की जीत का असेट्स कम हो सकता है. ओ’कॉनर का अनुमान है कि 10 साल का यूएस ट्रेजरी यील्ड 1% तक बढ़ सकती है. हालांकि यह मजबूत डेमोक्रेट सरकार के जरिए मिलने वाली राहत पर भी निर्भर करेगी |
आपको बता दें साल 1992 से लेकर 2000 तक डेमोक्रेटिक पार्टी के बिल क्लिंटन ने सत्ता संभाली थी |
साल 2000 से 2008 तक रिपब्लिकन पार्टी के जॉर्ज बुश ने कार्यकाल संभाला था |
साल 2008 से 2016 तक डेमोक्रेटिक पार्टी के बराक ओवामा ने सत्ता संभाली |
साल 2016 से 2020 तक रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद पर है |