गुजरात में कोरोना का असर कम रहा तो दीपावली के बाद विश्वविद्यालय, कॉलेज तथा हाई स्कूल खोले जा सकते हैं। मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने मंत्रिमंडल की बैठक में ऐसा संकेत दिया है। कोरोना महामारी के बाद गुजरात में भी सभी स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालय बंद कर दिए गए थे। करीब 4 माह से स्कूलों की शिक्षा ऑनलाइन चल रही है।
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने गांधीनगर में मंत्रिमंडल की बैठक में विश्वविद्यालय, कॉलेज तथा हाई स्कूल खोलने की तैयारी करने को कहा है। हाल ही 8 सीटों पर हुए उपचुनाव में मतदाताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मतदान किया। करीब 19 लाख मतदाता इन 8 सीटों पर पंजीकृत थे जिनमें से 58 फ़ीसदी से अधिक ने मतदान में हिस्सा लिया। उपचुनाव के बाद कोरोना संक्रमण तथा दीपावली के बाद आने वाले संक्रमितों की संख्या का आकलन करने के बाद स्कूल कॉलेज खोलने का फैसला किया जाएगा।
अलग-अलग पारी में चल सकता है स्कूल
कक्षा 9 से 12वीं तक के बच्चों को अलग-अलग पारी में 50 फ़ीसदी संख्या के साथ बुलाया जा सकता है। जबकि विश्वविद्यालय में कॉलेजों में भी 50 फ़ीसदी संख्या को कक्षा में बुलाया जा सकता है। दीपावली के बाद कोरोना वायरस का असर कम होता नजर आता है अथवा उपचुनाव के बाद के विधानसभा क्षेत्रों में संक्रमण की संख्या नहीं बढ़ती है तो सरकार स्कूल कॉलेज खोलने के लिए पूरी तरह तैयार होगी। सरकार दिल्ली की तरह कोरोना संक्रमण के तीसरे चरण पर भी निगरानी रखे हुए हैं।
गुजरात सरकार हुई सचेत
दिल्ली में कोरोना के तीसरे चरण की शुरुआत की खबरों के बाद गुजरात सरकार इसको लेकर पूरी तरह सचेत है। कोरोना का तीसरा फेज गुजरात में नजर आता है तो शायद सरकार स्कूल कॉलेज खोलने के विचार को टाल सकती है। लेकिन उपचुनाव में लाखों लोगों के कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए मतदान करने से सरकार को स्कूल कॉलेजों में भी बच्चों के सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अध्ययन करने की उम्मीद है। निजी स्कूल संचालक भी सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं। सरकार ने पहले ही निजी स्कूल के शुल्क में 25 फ़ीसदी की कटौती का एलान कर दिया है लेकिन राइट टू एजुकेशन के तहत भर्ती छात्रों की पूरी फीस लेने पर स्कूल संचालक खड़े हुए हैं, जबकि राज्य सरकार इन विद्यार्थियों का शुल्क भी 25% काट कर ही देना चाहती है।