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डोनाल्ड ट्रंप को हरा कर जो बाइडेन अमेरिका के नए राष्ट्रपति बने बाइडेन के आने से भारत-अमेरिकी रिश्तों में क्या बदलेगा जाने यहाँ ?

व्हाइट हाउस का नया बिग बॉस कौन… इसका फैसला हो गया है. डोनाल्ड ट्रंप को कांटे के मुकाबले में हराकर जो बाइडेन बन गए हैं अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति. वैसे तो प्रचार से लेकर अंतिम निर्णय आने तक जो हुआ उसे अमेरिकी इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा.

लेकिन जिस तरह पूरा चुनाव पहले ही दिन से भारतीयता के रंग में रंगा रहा वो अद्भुत था. अब जब बाइडेन राष्ट्रपति और कमला हैरिस उपराष्ट्रपति बन गईं हैं तब भारत के सामने ये प्रश्न उठता है कि व्हाइट हाउस में कौन है? भारत का दोस्त या सिर्फ सुपर पावर का कूटनीतिक चीफ? बाइडेन के आने से भारत-अमेरिकी रिश्तों में क्या बदलेगा?

सुलगती कैंपेनिंग, बारूदी प्रचार और आखिरी वोट तक चली रोमांचक लड़ाई. अमेरिकी चुनाव इस बार किसी हॉलीवुड फिल्म की तरह लड़े गए. आखिरी सांस तक न जो बाइडेन हारने को तैयार थे न ट्रंप हार मानने को राजी. लेकिन नतीजे आए तो तय हो गया कि अब बाइडेन ही हैं अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति. एक दौर था जब मोदी प्रधानमंत्री बने थे और तब बाइडेन उपराष्ट्रपति बने थे. एक ये दौर है जब मोदी अब भी प्रधानमंत्री हैं और जो बाइडेन राष्ट्रपति बन चुके हैं. पद बदले हैं? क्या प्राथमिकताएं भी बदलेंगी?

लेकिन अब जब अमेरिका की राजनीतिक पिक्चर बदल चुकी है तब सवाल ये कि 2014 में जिस रिश्ते ने जन्म लेना शुरू किया था, 2020 में वो कहां तक पहुंचेगा? तब जो गर्मजोशी की झलक दिखी थी, क्या अब वो भारत-अमेरिकी रिश्तों का नया इतिहास रचेगी. ये तो माना जा रहा है कि व्हाइट हाउस में बाइडेन की मौजूदगी का असर भारत-अमेरिकी रिश्तों पर ज्यादा नहीं पड़ेगा.

भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बाइडेन ने जो कहा था वो आने वाले दिनों में बहुत प्रभाव डालने वाला हो सकता है. उन्होंने कहा था कि अमेरिका-भारत की गहरी दोस्ती से दुनिया सुरक्षित रहेगी. विशेषज्ञों का मानना है कि करीब पचास साल से अमेरिका की राजनीति में दखल रखने वाले बाइडेन के राष्ट्रपति बनने से भारत-अमेरिका के रिश्तों पर बिल्कुल भी नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा.

बाइडेन की व्हाइट हाउस में दस्तक के साथ भारत-अमेरिकी रिश्तों में भी नई गर्माहट आने की उम्मीद की जा सकती. पुरानी भ्रांतियों के आधार पर इन रिश्तों की समीक्षा करना गलत होगा. नई व्यवस्था है तो कुछ शुरुआतें नई भी होंगी. उपराष्ट्रपति रहते बाइडेन ने भारत-अमेरिका के बीच संबंधों का पुल स्थापित करने का जो काम किया था. अब राष्ट्रपति बनने के बाद उनके लिए ये काम और भी आसान होगा.

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