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आदेश गुप्ता : दिल्ली सरकार की नकारात्मक नीतियों के कारण दिल्ली के लोग कोरोना और प्रदूषण की दोहरी मार झेल रहे हैं :-

आज 60 एन रोहिणी मंडल में आयोजित प्रशिक्षण शिविर को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने संबोधित किया और उपस्थित कार्यकर्ताओं को मोदी सरकार की उपलब्धियां और दिल्ली सरकार के लापरवाह और अड़ियल रवैए के कारण दिल्लीवासियों को हो रही दिक्कतों के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर विधायक विजेंद्र गुप्ता, उत्तरी दिल्ली नगर निगम उप महापौर एवं पार्षद ऋतु गोयल, जिला अध्यक्ष देवेंद्र सोलंकी और मंडल अध्यक्ष यश दरीरा उपस्थित थे।

Adesh Gupta (@adeshguptabjp) | Twitter
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण की समस्या को लेकर दिल्ली सरकार को घेरते हुए कहा कि समय रहते अगर मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रचार-प्रसार से ध्यान हटाकर वास्तव में दिल्लीवासियों के हितों के लिए कदम उठाए होते तो आज दिल्ली के लोग कोरोना और प्रदूषण की दोहरी मार नहीं झेल रहे होते। स्मॉग टावर, ई-बस, ग्रीन बजट, वाटर ट्रीटमेंट और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का धरातल पर अमलीकरण तो दूर की बात है, इस बारे में कभी मुख्यमंत्री केजरीवाल या उनके बड़बोले मंत्री चर्चा करते हुए भी नहीं दिखे।
दिल्ली सरकार ने बस जनता की गाढ़ी कमाई को चैक चैराहों पर प्ले कार्ड लिए लोगों को लगाने में खर्च किए, जिससे दिल्लीवासियों को तो कोई लाभ नहीं हुआ लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल की पब्लिसिटी जरूर हुई। अपनी नाकामियों का ठीकरा दिल्ली सरकार दूसरे राज्यों पर फोड़ती आई है और अब नगर निगम, जो दिल्लीवासियों के लिए वास्तव में काम करती है, उसे भी पंगु बनाने में जुटी हुई है।
उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार का 60,000 करोड़ रुपए का बजट है, बावजूद इसके दिल्ली सरकार निगमों का 13,000 करोड़ रुपए देने को तैयार नहीं है, लेकिन दिल्ली जल बोर्ड जो केजरीवाल सरकार आने से पहले मुनाफे में चल रहा था और अब घाटे में है उसी केजरीवाल सरकार ने लगभग 40,000 करोड़ रुपए का ऋण दिया है। दिल्ली जल बोर्ड ने इतने पैसों का क्या किया इसका भी कोई हिसाब नहीं है क्योंकि आज भी दिल्ली के लोग जहरीला पानी पीने पर मजबूर हैं।
आदेश गुप्ता ने कहा कि हर दिल्लीवासी इस बात से अवगत है कि कोरोना संकट के समय किस तरह नगर, निगम कर्मचारियों ने, चाहे वह सफाई कर्मी हो, डॉक्टर नर्स या स्वास्थ्य कर्मी हो, सभी ने अपने स्वास्थ्य और जीवन की परवाह किए बगैर दिल्लीवासियों की सेवा की। निगम कर्मी कोरोना काल में डेंगू और चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियों खिलाफ भी लड़ाई लड़ते हुए लोगों को सुरक्षित रख रहे हैं।
लेकिन मुख्यमंत्री केजरीवाल उन निगम कर्मियों को ही वेतन नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर भाजपा शासित नगर निगम गलत तरीके से सील की गई संपत्तियों को डी-सील कर रही है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली सरकार व्यापारियों को धमका रही है और उन्हें जीएसटी का नोटिस भेज रही है जिससे व्यापारी वर्ग में दहशत का माहौल है। हमें दिल्ली सरकार के इस दोहरे चरित्र को दिल्ली के लोगों के बीच लेकर जाना है और लोगों के हितों के लिए कार्य करते हुए औरों को भी समाज सेवा के लिए प्रेरित करना है।

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