बिहार चुनाव : जेडीयू से पहली बार आगे निकलती दिख रही है बीजेपी
बिहार विधानसभा चुनाव में अब तक सभी 243 सीटों पर रुझान आ चुके हैं. अब तक के रुझानों को देखते हुए एनडीए की सरकार बनती नजर आ रही है. पहली बार बीजेपी जेडीयू से आगे दिखाई दे रही है. बीजेपी 68 और जेडीयू 54 सीट पर आगे चल रही है.
बीजेपी इसी कोशिश में लंबे समय से लगी रही है. बिहार की सत्ता में ‘ड्राइवर’ वाली सीट पर आने के लिए बीजेपी काफी दिनों से संघर्ष कर रही है. अब तक वो JDU के छोटे भाई के तौर पर काम कर रही थी. अगर नंबर के मामले में वो बड़े भाई वाली भूमिका में आई तो वहां की सियासत में बड़ा बदलाव माना जाएगा. एलजेपी नेता चिराग पासवान के सहारे जेडीयू को किनारे करने का जो दांव बीजेपी ने चला था वो कामयाब होता दिखाई दे रहा है.
अब के रुझानों के मुताबिक अगर एनडीए सत्ता में आता है तो भी बीजेपी के नंबर ज्यादा होने की वजह से नीतीश कुमार के लिए परेशानी ही पैदा होगी. पिछले दिनों हमसे बातचीत में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज के निदेशक और चुनाव विश्लेषक संजय कुमार ने कहा था कि नीतीश कुमार के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती हो सकती है वो खुद बीजेपी है. बीजेपी ने अगर जेडीयू से ज्यादा सीटें जीत लीं तो नीतीश कुमार के लिए फिर सीएम बनने में अड़चन आ सकती है.
मुख्य विपक्षी पार्टी अगर भाजपा बनती है तो फिलहाल ऐसा लगता है कि नीतीश कुमार के लिए विपक्ष के नेता का भी स्कोप नहीं बचेगा. ऐसे में नीतीश कुमार का क्या होगा इस पर सबकी नजर रहेगी. यह भी सवाल पैदा होगा कि क्या नीतीश की पार्टी में बगावत होगी.
क्योंकि जेडीयू में दो विचारधारा के लोग हैं. एक वो हैं जो समाजवादी विचार रखते हैं और दूसरे वो हैं जो बीजेपी की सोच रखते हैं. नीतीश कुमार सत्ता और संगठन दोनों पर काबिज रहे हैं. इसलिए खराब परिणाम के बाद उन्हें लेकर असंतोष बढ़ेगा.
कभी बीजेपी की ओर से सीएम पद के दावेदार रहे रामेश्वर चौरसिया और संघ से गहरा नाता रखने वाले राजेंद्र सिंह ने बीजेपी छोड़कर एलजेपी से चुनाव लड़ा. चौरसिया सासाराम से जबकि राजेंद्र सिंह दिनारा से मैदान में रहे. क्या इतने कद्दावर नेताओं को जान बूझकर एलजेपी से लड़वाया गया, यह बड़ा सवाल है.