केंद्र सरकार ने टैक्स सिस्टम को ट्रांसपेरेंट करने के लिए फेसलेस टैक्स सिस्टम की शुरुआत की
केंद्र सरकार ने टैक्स सिस्टम को ज्यादा ट्रांसपेरेंट बनाने के लिए फेसलेस टैक्स सिस्टम की शुरुआत की है. इस टैक्स सिस्टम का मकसद देश के ईमानदार टैक्सपेयर्स को सम्मान देना और टैक्स कलेक्शन पारदर्शिता को प्रोत्साहित करना है. इसके तहत 3 सुविधाएं शुरू की गई हैं, जो फेसलेस असेसमेंट,फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर हैं. MyGovHindi ने फेसलेस टैक्स सिस्टम को कुछ खासियत के बारे में बताया है आइए आपको बताते हैं-
1-केवल डेटा एनालिटिक्स और एआई के उपयोग से सिस्टम के माध्यम से चयन होगा.
2-प्रादेशिक क्षेत्राधिकार का उन्मूलन
3-मामलों का स्वचालित रैंडम आवंटन
4-दस्तावेज पहचान संख्या के साथ केंद्र से नोटिस होगा जारी
5-कोई भौतिक आमना सामना नहीं
6-आयकर ऑफिस जाने की जरूरत नहीं
7-टीम आधारित मूल्यांकन और टीम आधारित समीक्षा
8-मूल्यांकन आदेश का ड्राफ्ट एक शहर में, दूसरे शहर में, समीक्षा और तीसरे शहर में इसे फाइनल रूप दिया जाएगा.
क्या है फेसलेस
फेसलेस अपील के तहत अपील किसी भी अधिकारी को रैंडम तरीके से आवंटित की जा सकती है. अपील पर निर्णय लेने वाले अधिकारियों की पहचान अज्ञात रहेगी. अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने/कार्यालय जाने की जरूरत नहीं है.
इस व्यवस्था में इलेक्ट्रॉनिकली जवाब दिया जा सकता है. हालांकि कुछ मामले इस नई व्यवस्था के दायरे से बाहर होंगे, जैसे- गंभीर धोखाधड़ी, बड़ी कर चोरी, संवेदनशील व जांच के मामले, अंतरराष्ट्रीय कर मामले, काला धन अधिनियम व बेनामी संपत्ति के मामले.
प्रधानमंत्री मोदी ने 13 अगस्त, 2020 को ‘पारदर्शी कराधान – ईमानदार का सम्मान’ प्लेटफॉर्म के हिस्से के रूप में फेसलेस असेसमेंट और टैक्सपेयर्स चार्टर की शुरुआत की थी. पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितंबर, 2020 को ‘फेसलेस अपील्स’ को शुरू करने का ऐलान किया था. टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स सिस्टम को सरल बनाने और करदाताओं के लिए कम्प्लायंस सुनिश्चित करने के लिए डायरेक्ट टैक्स में कई सुधार लागू किए हैं.