Main Slideदेशव्यापार

फ्यूचर रिटेल को 692 करोड़ रुपये का हुआ घाटा, कंपनी की आय 74 % घटकर इतने करोड़ रुपये रह गई

किशोर बियानी नियंत्रित फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) को इस वर्ष सितंबर में खत्म तिमाही में 692.36 करोड़ रुपये का एकीकृत शुद्ध घाटा हुआ है। कंपनी ने शेयर बाजारों को दी जानकारी में बताया कि कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुई दिक्कतों के कारण यह घाटा हुआ। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 165.08 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की परिचालन आय 73.86 फीसद घटकर 1,424.21 करोड़ रुपये रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 5,449.06 करोड़ रुपये रही थी। 

बिग बाजार, एफबीबी, फूडहॉल, ईजीडे और नीलगिरि जैसी रिटेल चेन का संचालन करने वाली एफआरएल इस समय रिलायंस इंडस्ट्रीज से हुए अपने सौदे को लेकर अमेजन के साथ कानूनी लड़ाई लड़ रही है। एफआरएल ने शेयर बाजारों को बताया कि समीक्षाधीन तिमाही में उसका खर्च घटकर 2,181.85 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 5,304.80 करोड़ रुपये रहा था। वहीं, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर,2020) में उसे 1,254.31 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ है। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में कंपनी ने 324.32 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था।

एफआरएल ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया था कि सिंगापुर स्थित अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र ने अमेजन के पक्ष में जो फैसला दिया, उसका कोई मतलब नहीं है। फ्यूचर रिटेल के मुताबिक अमेजन उसकी शेयरधारक नहीं है, इसलिए कंपनी के मामलों में उसका कोई दखल नहीं है। गौरतलब है कि एफआरएल ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की रिटेल शाखा रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) के हाथों अपना अधिकतर कारोबार बेच लिया था।

इसी सौदे को लेकर अमेरिकी ऑनलाइन रिटेल दिग्गज अमेजन ने फ्यूचर रिटेल को सिंगापुर की मध्यस्थता समिति में घसीट लिया। अमेजन ने पिछले वर्ष फ्यूचर कूपंस में 49 फीसद हिस्सेदारी इस शर्त के साथ खरीदी थी कि सौदा होने के तीन वर्ष से लेकर 10 वर्षो के भीतर उसे और हिस्सेदारी खरीदने का अधिकार मिलेगा। फ्यूचर कूपंस की फ्यूचर रिटेल में 7.3 फीसद हिस्सेदारी है।

अमेजन का कहना है कि उससे पहले रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ फ्यूचर रिटेल का सौदा गैर-कानूनी है। वहीं, फ्यूचर रिटेल का तर्क है कि अमेजन का सौदा उसके साथ नहीं, बल्कि उसके प्रमोटर के साथ है। ऐसे में अमेजन इस सौदे को लेकर कोई कानूनी व्यवधान पैदा करने का हक नहीं रखती है। दिल्ली उच्च न्यायालय में इस मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होनी है।

Related Articles

Back to top button