उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी को दी भाई-दूज की बधाई
आज भाई दूज का त्यौहार है. पूरे देश में ये त्यौहार पूरे उत्साह और धूमधाम से मनाया जा रहा है. आज के दिन बहने अपने भाइयों को तिलक करती हैं. वहीं, आज भाई दूज के मौके पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी सभी बहनों को ट्विटर पर ट्वीट करके बधाई दी है.
सीएम योगी आदित्यनाथ के ऑफिशियल ट्विटर अकांउट से ट्वीट किया गया भाई-बहन के स्नेह, त्याग और समर्पण को प्रकट करते पावन पर्व “भाई-दूज” की आप सभी को कोटि-कोटि शुभकामनाएं. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि यह पर्व हमारे समाज में बंधुत्व एवं सद्भावना का विकास करे.बता दें कि यूपी समेत पूरे देश में आज ये त्यौहार मनाया जा रहा है. भाई दूज का त्यौहार दीपावली के बाद मनाया जाता है. इस दिन हर बहन अपने भाई को तिलक करके मुंह मीठा करवाती हैं और उनके लिए मंगलकामनाएं करती हैं.
भाई- बहनों के आपसी प्यार और स्नेह के प्रतीक का त्यौहार भैया दूज संगम नगरी प्रयागराज में भी पूरी आस्था के साथ मनाया जा रहा है. इस मौके पर बहने टीका और अक्षत लगाकर भाइयों की आरती उतार रही हैं, उन्हें अपने हाथों से मिठाई व खीर खिलाकर उनकी लम्बी उम्र व सलामती की कामना कर रही हैं तो भाई भी उन्हें खुश करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं और बहनों को स्नेह व आशीर्वाद के साथ ही तोहफे भी दे रहे हैं.
भाई-बहन के स्नेह, त्याग और समर्पण को प्रकट करते पावन पर्व "भाई-दूज" की आप सभी को कोटि-कोटि शुभकामनाएं।
प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि यह पर्व हमारे समाज में बंधुत्व एवं सद्भावना का विकास करे।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 16, 2020
परम्पराओं के मुताबिक़ भाई-बहन इस ख़ास मौके पर एक साथ मिलकर यमुना नदी में आस्था की डुबकी भी लगा रहे हैं. मान्यता है कि भैया दूज पर जो भी भाई यमुना में डुबकी लगाने के बाद अपनी बहन के घर जाकर उसे खुश करता है, उसे न तो अकाल मौत का सामना करना पड़ता है और ना ही नरक की यातना भुगतनी पड़ती है. यमुना और यमराज की कथा जुडी होने से भैया दूज को यम द्वितीया के नाम से भी मनाया जाता है.
संगम नगरी प्रयागराज में यमुना नदी के साथ ही पूरे यम परिवार की मौजूदगी की वजह से यहां भैया दूज का विशेष महत्व है. इस मौके पर यहां यमुना के घाटों पर स्नान करने वालों की काफी भीड़ होती है और भव्य मेला भी लगता है. आज भी यहां सुबह से ही यमुना के विभिन्न घाटों पर हज़ारों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. हालांकि कोविड की वजह से इस बार घाटों पर पहले जैसी चहल पहल और भीड़ भाड़ नहीं है.