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प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी विश्व में शांति, अहिंसा और सेवा की प्रेरणा स्रोत बनेगी स्टैच्यू ऑफ पीस :-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राजस्थान के पाली में शांति प्रतिमा का अनावरण किया. जैन भिक्षु आचार्य विजय वल्लभ सूरीश्वर जी महाराज की 151वीं जयंती समारोह के अवसर पर शांति की प्रतिमा का अनावरण किया गया है. 151 इंच ऊंची अष्टधातु प्रतिमा विजय वल्लभ साधना केंद्र, जैतपुरा में स्थापित की गई है |

भारत ने हमेशा विश्व को शांति, अहिंसा और बंधुत्व का मार्ग दिखाया : पीएम मोदी  (लीड-1)

इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि स्टैच्यू ऑफ पीस विश्व में शांति, अहिंसा और सेवा का प्रेरणा स्रोत बनेगी. भारत ने हमेशा पूरे विश्व को, मानवता को, शांति, अहिंसा और बंधुत्व का मार्ग दिखाया है. ये वो संदेश हैं जिनकी प्रेरणा विश्व को भारत से मिलती है. इसी मार्गदर्शन के लिए दुनिया आज एक बार फिर भारत की ओर देख रही है |

पीएम मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे देश ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व की सबसे ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के लोकार्पण का अवसर दिया था. जन्मवर्ष महोत्सव के माध्यम से जहां एक तरफ भगवान श्री महावीर स्वामी के अहिंसा, अनेकांत और अपरिग्रह जैसे सिद्धांतों को प्रसारित किया जा रहा है. साथ ही गुरु वल्लभ के संदेशों को भी जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है |

पीएम मोदी ने कहा कि आज 21वीं सदी में मैं आचार्यों, संतों से एक आग्रह करना चाहता हूं कि जिस प्रकार आजादी के आंदोलन की पीठिका भक्ति आंदोलन से शुरू हुई. वैसे ही आत्मनिर्भर भारत की पीठिका तैयार करने का काम संतों, आचार्यों, महंतों का है. महापुरुषों और संतों का विचार इसलिए अमर होता है, क्योंकि वो जो बताते हैं, वही अपने जीवन में जीते हैं |

उन्होंने कहा कि आचार्य विजय वल्लभ जी कहते थे कि साधु, महात्माओं का कर्तव्य है कि वो अज्ञान, कलह, बेगारी, आलस, व्यसन और समाज के बुरे रीति रिवाजों को दूर करने के लिए प्रयत्न करें |

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आचार्य जी के शिक्षण संस्थान आज एक उपवन की तरह हैं. 100 सालों से अधिक की इस यात्रा में कितने ही प्रतिभाशाली युवा इन संस्थानों से निकले हैं. स्त्री शिक्षा के क्षेत्र में इन संस्थानों ने जो योगदान दिया है, देश आज उसका ऋणी है |

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