उड़ीसा में कोर्ट के निर्देश के बाद दर्ज हुआ न्यायाधीश पर हत्या का मामला :-
उड़ीसा में पिछले करीब एक साल से न्याय की गुहार को लेकर भटक रहे मृतक देव नारायण पंडा के परिवार को रविवार के दिन थोड़ी राहत मिली है. मलकानगिरी एसडीजेएम की अदालत ने मलकानगिरी पुलिस को जिलाधीश मनीष अग्रवाल समेत चार के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है |
अदालत के इस निर्देश के बाद पुलिस ने जिलाधीश मनीष अग्रवाल और उनके कार्यालय के अन्य तीन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है. मामला हाई प्रोफाइल होने की वजह से पुलिस जांच को लेकर भी गंभीर है. पुलिस ने भादंवि की धारा 302, 506, 201, 204, 120 (बी) और 34 के तहत मामला दर्ज किया है |
गौरतलब है कि मलकानगिरी जिलाधीश मनीष अग्रवाल का निजी सहायक देब नारायण पंडा 27 दिसंबर, 2019 के अपरान्ह कार्यालय से अपने घर जाने के लिए निकला था, लेकिन देर रात तक घर नहीं पहुंचा था. अगले दिन यानी 28 दिसंबर के दिन पंडा की बाइक, जूते और हेलमेट सतिगुडा जलभंडार के निकट लावारिस हालत में मिलने के बाद गोताखोरों ने जलभंडार से उनका शव बरामद किया था. इसी के बाद से मृतक पंडा की पत्नी बनजा पंडा समेत परिवार के लोग जिलाधीश अग्रवाल के खिलाफ हत्या का आरोप लगा रहे थे, लेकिन पुलिस जिलाधीश के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रही थी |
ऐसे में पंडा परिवार ने ओडिशा मानवाधिकार आयोग और पुलिस महानिदेशक को भी पत्र लिखकर न्याय की गुहार की थी. इसके बाद मृतक पंडा की पत्नी बनजा ने न्याय की खातिर अदालत का दरवाजा खटखटाया. उसकी याचिका पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने मलकानगिरी पुलिस को जिलाधीश और अन्य तीन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है, इसी के बाद पुलिस ने यह रिपोर्ट दर्ज की है. पुलिस इस मामले में सभी पहलुओं की जांच कर रही है. हालांकि अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है |