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पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का 103वां जन्मदिन आज किरण बेदी ने किया उनको याद

प्रधानमंत्री मोदी समेत कई बड़े नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के 103वें जन्मदिन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी जयंती पर नमन.

वहीं पूर्व आईपीएस अफसर किरण बेदी ने पूर्व प्रधानमंत्री के साथ अपनी एक पुरानी फोटो साझा करते हुए उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की है. किरण बेदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ‘हैप्पी बर्थडे मैम… आप मेरी प्रेरणा रही हैं. साल 1975 में गणतंत्र दिवस के मौके पर मैंने राजपथ पर होने वाली परेड को लीड किया था, जिसके बाद आपने मुझे सुबह के नाश्ते पर आमंत्रित किया था. यह इतिहास था.’

किरण बेदी ने पूर्व प्रधनामंत्री इंदिरा गांधी को किया याद (फोटो- ट्विटर)

किरण बेदी को 1975 में ही दिल्ली पुलिस में पहली पोस्टिंग मिली थी और इसी साल 26 जनवरी की परेड में उन्होंने दिल्ली पुलिस के एक सैन्यदस्ते का नेतृत्व किया था. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी इस बात से खुश थीं कि पुलिस के एक दस्ते का नेतृत्व एक लड़की कर रही है, जिसमें उनके अलावा सभी पुरुष थे. किरण बेदी ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला अफसर रहीं. इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी की परेड के अगले दिन उन्हें नाश्ते पर आमंत्रित किया था.

किरण बेदी का जब भी जिक्र होता है तो एक किस्सा लोगों के जहन में जरूर याद आता है. दरअसल कई जगह ऐसा दावा किया गया है कि किरण बेदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कार का चालान काट दिया था.

लेकिन यह दावा पूरी तरह सही नहीं है. किरण बेदी ने एक इंटरव्यू में खुद ही कहा था कि गाड़ी उठाना या उसका चालान करना किसी डीसीपी का काम नहीं होता. यह मामला 1982 का है. जब दिल्ली पुलिस ने क्रेन का इस्तेमाल कर गलत जगह में खड़ी प्रधानमंत्री हाउस की एक गाड़ी को उठा लिया था.

किरण बेदी के मुताबिक उस गाड़ी को सब-इंस्पेक्टर निर्मल सिंह ने उठाया था जो बाद में दिल्ली पुलिस के एसीपी के तौर पर रिटायर हुए थे. उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि मुझे जब पता लगा कि निर्मल सिंह ने ऐसा किया, तो मैंने कहा था कि मैं इस पुलिस कर्मी को अवॉर्ड देना चाहूंगी, जिसने साहस दिखाते हुए अपनी ड्यूटी पूरी की. मगर किरण बेदी ने माना कि डीसीपी होने के कारण उन्होंने अपने जूनियर अफसर का बचाव किया था और उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने दी थी.

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