UK: IIM की तर्ज पर साइंस कॉलेज में होंगे बंदोबस्त, नहीं होगी बाहरी दखल अंदाजी, दो चरणों में प्रवेश परीक्षा
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की विज्ञान के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस महाविद्यालय की स्थापना की घोषणा को जमीन पर उतारने में सरकार और उच्च शिक्षा विभाग जुट गया है। यह पूरी तरह आवासीय और स्वायत्तशासी होगा। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने इस संबंध में बैठक आयोजित कर दिशा-निर्देश दिए थे। उच्च शिक्षा प्रमुख सचिव आनंद बर्धन ने शुक्रवार को उक्त आदेशों का अनुपालन करने के निर्देश विभाग को दिए।
विज्ञान के साथ भाषायी पाठ्यक्रम भी
महाविद्यालय में विज्ञान की शाखाओं में भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान, वनस्पति विज्ञान, आनुवांशिकी, जीव रसायन, आणविक जीव विज्ञान, के साथ ही गणित, सांख्यिकी, वित्तीय गणित और यूजीसी के मानक के अनुसार भाषाओं का अध्ययन भी कराया जाएगा। भाषाओं में हिंदी, अंग्रेजी, एवं विभिन्न विदेशी भाषाओं जर्मन, फ्रेंच को भी शामिल किया जाएगा। इसके अतिरिक्त स्नातक स्तर पर तर्कशास्त्र विषय भी होगा। स्नातक स्तर पर संस्कृत विषय का पठन-पाठन व पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे।
संस्थान में नहीं होगा बाहरी हस्तक्षेप
महाविद्यालय के कार्य संचालन और पर्यवेक्षण को भारतीय विज्ञान संस्थान (आइआइएस) बेंगलुरु व दिल्ली विश्वविद्यालय (साउथ कैंपस शाखा) से मेंटर संस्थान की भूमिका निभाने के लिए सरकार संपर्क साधेगी। प्रमुख सचिव ने कहा कि इसमें बाहरी हस्तक्षेप नहीं होगा। प्रशासनिक व वित्तीय नियंत्रण के लिए महाविद्यालय का रजिस्ट्रार एवं वित्त नियंत्रक राजकीय कार्मिक होंगे। संस्थान के चेयरमैन एवं सदस्य आइआइएम-आइआइटी पैटर्न पर होंगे।
दो चरणों में होगी प्रवेश परीक्षा
छात्रों के दाखिले को होने वाली प्रवेश परीक्षा दो चरणों में होगी। पहले चरण की परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकार की होगी। दूसरे चरण में लिखित परीक्षा होगी। इसमें 50 फीसद छात्र उत्तराखंड और 50 फीसद देश के अन्य राज्यों के होंगे। उधर, शासन के निर्देश के बाद देहरादून के जिलाधिकारी ने बालावाला में करीब 319.288 हेक्टेयर भूमि महाविद्यालय के लिए चिह्नित की है। भूमि वन विभाग की है।
भूमि के अंतिम चयन को समिति गठित
भूमि के अंतिम चयन के लिए उच्च शिक्षा संयुक्त निदेशक डॉ पीके पाठक की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति के अन्य सदस्यों में उप जिलाधिकारी देहरादून व सहायक वन संरक्षक शामिल हैं। शासन ने उक्त समिति को चयनित भूमि का स्थलीय निरीक्षण कर महाविद्यालयों के मानकों के मुताबिक भूमि की उपयुक्तता के संबंध में एक हफ्ते में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।