दक्षिण अफ्रीका के टाउनशिप में कचरे पर काबू पाने की कोशिश :-
दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद खत्म हुए 25 साल बीत गए लेकिन सरकार सभी शहरों में बिजली, पानी, कारगर कचरा प्रबंधन और साफ सफाई जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया नहीं कर पाई है. समस्या पता है, समाधान भी, लेकिन पैसे की कमी है | दो साल पहले दक्षिण अफ्रीका ने कचरे के खिलाफ संघर्ष छेड़ा. 50 गैरकानूनी डंपिंग ग्राउंड्स को पार्कों और खेल के मैदानों में तब्दील किया गया. नेल्सन मंडेला बे नगरपालिका के प्रवक्ता म्थुबां मिनिकी कहते हैं कि इसमें स्थानीय नागरिकों का भी योगदान रहा है. वे बताते हैं, “हमारे सामने गैरकानूनी डंपिंग की समस्या है. हम लोगों को बता रहे हैं कि यह आपका ही मोहल्ला है. ये मोहल्ले सरकार की संपत्ति नहीं हैं और अपने मोहल्ले की जिम्मेदारी आपको खुद लेनी है |
वाल्मर टाउनशिप में 60 हजार लोग रहते हैं. यह टाउनशिप इस बात की मिसाल है कि कचरों की सफाई के लिए क्या किया जा सकता है. यहां पर गार्डनर कोलानी सीवा ने एक डंपिंग ग्राउंड को हरी भरी सब्जियों के गार्डन में तब्दील किया है. इन सब्जियों की इस इलाके में आजकल खूब मांग है. अब तो सीवा ने वाल्मर के पांच युवाओं को काम पर भी रख लिया है. कोलानी सीवा कहते हैं, “यह बगीचा पर्यावरण को साफ रखने में मदद करता है, क्योंकि पहले लोग यहां कूड़ा फेंकते थे. साथ ही, यह बेरोजगारी जैसी समस्याओं से निपटने में भी मदद कर रहा है |
वाल्मर शहर कूड़े के ढेर में ना दब जाए, इसके लिए कई सामाजिक संस्थाएं भी यहां काम कर रही हैं. लोग भी हाथ बंटा रहे हैं. इन्हीं संस्थाओं में से एक है रि-ट्रेड. यह सामाजिक रिसाइकलिंग प्रोजेक्ट खुस्ता मोको जैसे कचरा उठाने वाले लोगों के साथ काम करता है. वह और 60 अन्य लोग हर शुक्रवार को टाउनशिप से ऐसे कचरे को जमा करते हैं जिसे रिसाइकिल किया जा सके. और वे इसे रि-ट्रेड के रिसाइक्लिंग स्टोर पर लाते हैं |
मोको को हर एक बोरे के लिए पॉइंट मिलते हैं. इनसे बाद में वह खाना, कपड़े और दूसरी चीजें खरीद सकते हैं. रि-ट्रेड की संस्थापक मारिया डे एंजेलो ग्रेवर ने इस पहल को शुरू किया. वे कहती हैं, “लोग समझते हैं कि फेंक दिया तो मतलब यह अपने आप कहीं चला जाएगा. लेकिन उन जगहों पर बहुत से लोग रहते हैं. हम उन जगहों को सबसे अच्छी जगह बनाना चाहते हैं, जिनमें लोग रह सकें |
रि-ट्रेड रिसाइकल हो सकने वाला कचरा जमा करने वालों को उससे कहीं ज्यादा मेहनताना देता है जितना इस कारोबार में लगी व्यावसायिक कंपनियां देती हैं. यह दुकान निजी चंदे और रिसाइकल हो सकने वाली चीजों की बिक्री से चलती है. रि-ट्रेड की बदौलत आज रिसाइकल हो सकने वाले कचरे को जमा करना अब अच्छा पेशा बन गया है, जिससे लोगों को थोड़ी ही सही, लेकिन जरूरी आमदनी मिल रही है. कचरा जमा करने वाले खुस्ता मोको विल्सन बताते हैं, “मेरे आसपास के लोग, मेरे पड़ोसी मुझसे कहते हैं, विल्सन जो काम कर रहे हो इसे जारी रखना |
कोरोना काल में सीवा अपने गार्डन से 150 परिवारों को सब्जियां भेज रहे हैं. महामारी के दौरान बहुत से लोगों की नौकरियां चली गईं और अब उन्हें खाने के लिए मदद की जरूरत है. मासिफुंडे नाम का एक संगठन इन पैकेटों को उनसे खरीदकर लोगों में बांट रहा है. आम तौर पर यह संगठन वाल्मर में रहने वाले युवाओं की मदद करता है और उनके लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम चलाता है |
यह संगठन गार्डन बनाने में भी मदद करता है. सामाजिक कार्यकर्ता वालेंशिया त्वालो कहती हैं कि मासिफुंडे और लिमुफिले के बीच साझेदारी लोगों के लिए एक कामयाबी है. शहर प्रशासन इस बात को सुनिश्चित करता है कि गार्डन में साफ सफाई और सभी स्वास्थ्य मानकों का ध्यान रखा जाए |
अधिकारियों का कहना है कि शहर का कृषि विभाग अर्बन वेजिटेबल गार्डन की मदद और निगरानी में योगदान दे रहा है. सीवा कहते हैं कि उन्हें गार्डन में काम करने वाले औजार भी दिए गए हैं. लेकिन इस बात की जांच भी करनी होगी कि डंपिंग ग्राउंड रही इस जगह पर उगने वाली सब्जियों में कोई जहरीला तत्व तो नहीं है. दूसरी तरफ, कूड़े के खिलाफ संघर्ष लगातार जारी है. नगर प्रशासन ने वादा किया है कि 2022 तक इसके लिए 70 लाख यूरो का निवेश किया जाएगा |