सुरक्षा चाक-चौबंद करने के लिए दिल्ली कैबिनेट ने सीसीटीवी कैमरे लगाने के प्रस्ताव को एक बार फिर मंजूरी दे दी है। हालांकि, कैबिनेट में शुक्रवार को पेश पीडब्ल्यूडी के प्रस्ताव को मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने जल्दबाजी में तैयार किया बताकर ऐतराज किया। इसके बावजूद कैबिनेट ने सीसीटीवी कैमरे लगाने के प्रस्ताव को पास कर दिया।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी। इस दौरान केजरीवाल ने भाजपा और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उधर, मुख्य सचिव के ऐतराज पर सदन ने कड़ी आपत्ति जताते हुए उन्हें पद से हटाने का प्रस्ताव पास किया।
विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन सदन पहुंचे अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अपराध तेजी से बढ़ा है, लेकिन केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली दिल्ली पुलिस पूरी तरह फेल है। यह प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री, उपराज्यपाल की साझी नाकामी है।
उन्होंने कहा कि हमारे हाथ में सिर्फ सीसीटीवी कैमरे लगवाना है। इससे अपराधियों के मन में डर रहता है। पूरी दिल्ली में सीसीटीवी लग जाने से 40-50 फीसदी अपराध कम होंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगने का प्रस्ताव पारित हो गया है, लेकिन इससे विपक्ष में बैठे भाजपा वाले खुश नहीं हैं।
वे इस प्रोजेक्ट में अड़ंगा लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। इन्होंने अफसरशाही पर कंट्रोल कर रखा है। केजरीवाल के मुताबिक, अक्तूबर 2015 में सरकार ने सीसीटीवी लगाने के प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी, लेकिन इन लोगों ने तीन साल तक इसे फाइलों में घुमाया।
जब सरकार इसे लगाने जा रही थी तो उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस पर एक कमेटी बना दी। अब कमेटी ने सिफारिश दी है कि सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए लाइसेंस लेने होंगे। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि लाइसेंस लेने का मतलब घूसखोरी को बढ़ावा देना है।
भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए केजरीवाल ने विपक्षी विधायकों से सवाल किया कि राफेल डील से पैसे कम मिले क्या, जो सीसीटीवी कैमरे से पैसे लोगे? भाजपा बताए कि वह सीसीटीवी लगाने के पक्ष में है या विपक्ष में? पक्ष में है तो वह उपराज्यपाल के पास जाकर उन्हें अब अड़ंगा लगाने से मना करें।
उधर, मनीष सिसोदिया ने बताया कि कैबिनेट की बैठक से कुछ देर पहले मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने एक लेटर भेजा कि सरकार यह फैसला जल्दबाजी में कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा वाले अंतिम घड़ी तक योजना को रोकने की साजिश कर रहे हैं। सिसोदिया ने सदन के रिकॉर्ड में लाने के लिए मुख्य सचिव का पत्र और कैबिनेट से मंजूर प्रस्ताव की कॉपी सदन को सौंप दी।
देरी पर विपक्ष ने उठाए सवाल
विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि तीन साल की देरी से सरकार इस योजना को लेकर आई है। सीसीटीवी जैसी छोटी चीज बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने सवाल किया कि इसे लाने में इतनी देरी क्यों हुई।लांबा ने रखा अंशु प्रकाश को हटाने का प्रस्ताव
उपमुख्मयंत्री के बयान पर आप विधायक अलका लांबा ने मुख्य सचिव को आड़े हाथ लेते हुए उनके खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया। इसमें कहा गया है कि सीसीटीवी कैमरे की योजना में अड़ंगा डालने के लिए मुख्य सचिव को जिम्मेदार ठहराते हुए अंशु प्रकाश को हटाया जाए। सदन ने इस प्रस्ताव को ध्वनि मत से पास कर दिया। इस दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी भी हुई।
571.40 करोड़ रुपये का होगा खर्चा
दिल्ली कैबिनेट की तरफ से पास प्रस्ताव के तहत हर विधानसभा क्षेत्र में दो हजार सीसीटीवी कैमरे लगवाए जाएंगे। पीडब्ल्यूडी इस प्रोजेक्ट को पूरा करेगा। पूरे प्रोजेक्ट पर करीब 571.40 करोड़ रुपये का खर्च होगा। इसमें 320.96 करोड़ रुपये कैमरे लगाने पर व 250.44 करोड़ रुपये पांच वर्ष तक कैमरे की देखरेख पर खर्च होंगे।