उ0प्र0 प्रदेश शैक्षणिक संस्थान अध्यादेश-2020 को प्रख्यापित कराए जाने का प्रस्ताव अनुमोदित
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश शैक्षणिक संस्थान (शैक्षणिक संवर्ग में आरक्षण) अध्यादेश-2020 को प्रख्यापित कराए जाने एवं उसका प्रतिस्थानी विधेयक राज्य विधान मण्डल में पुरःस्थापित/पारित कराए जाने के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। यह निर्णय केन्द्रीय शैक्षिक संस्थाओं (अध्यापक संवर्ग में आरक्षण) अधिनियम-2019 (अधिनियम संख्या 10 सन् 2019) के अनुक्रम में लिया गया है।
भारत सरकार द्वारा केन्द्रीय शैक्षिक संस्थाओं (अध्यापक संवर्ग में आरक्षण) अधिनियम, 2019 में सीधी भर्ती के प्रक्रम पर केन्द्रीय विश्वविद्यालय/संस्था को इकाई मानते हुए आरक्षण लागू किया गया है।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछडे वर्गा के लिये आरक्षण) अधिनियम, 1994 (अधिनियम संख्या 4 सन् 1994) के द्वारा अनुसूचित जातियों के लिए 21 प्रतिशत, अनुसूचित जनजातियों के लिए 2 प्रतिशत एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण सीधी भर्ती के प्रक्रम पर लागू है।
कार्मिक विभाग के शासनादेश दिनांक 18 फरवरी, 2019 द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को लिए राज्याधीन लोक सेवाओं और पदों पर सीधी भर्ती के प्रक्रम पर अधिकतम 10 प्रतिशत आरक्षण लागू है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछडे वर्गों के लिए आरक्षण) अधिनियम 1994 की धारा 2;ब्द्ध;प्टद्ध के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षण संस्थाएं भी आच्छादित हंै।
कार्मिक विभाग द्वारा अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों तथा आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण का अद्यतन रोस्टर शासनादेश दिनांक 13 अगस्त, 2019 द्वारा निर्गत किया गया है। अध्यादेश की धारा 2 (ग) में राज्य शैक्षिक संस्था को परिभाषित किया गया है, जिसके अनुसार-
(एक) किसी राज्य अधिनियम द्वारा या तदधीन स्थापित या निगमित किसी राज्य विश्वविद्यालय से है।
(दो) राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त और किसी राज्य अधिनियम द्वारा या तदधीन स्थापित या निगमित किसी राज्य विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सहयुक्त किसी संस्था या उसके घटक संस्था से है।
(तीन) सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1860 के अधीन स्थापित और राज्य सरकार से अनुदान प्राप्त चिकित्सा शिक्षा संस्थान से है।
(चार) ऐसी सरकारी शैक्षिक संस्थाओं, जहां सरकार द्वारा सामान्य राज्य स्तरीय संवर्ग सृजित किया गया हो, के एक संयुक्त समूह से है।
इसके अनुसार परिभाषित शैक्षिक संस्थाओं को रोस्टर लागू किए जाने हेतु एक इकाई माना जायेगा। प्रस्तावित अध्यादेश की धारा 4 (1) के अनुसार निम्नांकित प्रकृति की संस्थाओं पर लागू नहीं होगा:-
4 (1) धारा के उपबन्ध निम्नलिखित पर लागू नहीं होंगे-
(क) कोई अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्था ;
(ख) उत्कृष्ट संस्थाएं, अनुसंधान संस्थाएं, राष्ट्रीय और सामरिक महत्व की संस्थाएं ;
उत्तर प्रदेश शैक्षणिक संस्थान (शैक्षणिक संवर्ग में आरक्षण) आध्यादेश-2020 को प्रख्यापित कराया जाएगा। तत्पश्चात् उसके प्रतिस्थानी विधेयक के आलेख्य पर विभागीय मंत्री के रूप में उप मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन प्राप्त कर, उसे राज्य विधान मण्डल में पुरःस्थापित/पारित कराया जाएगा