मुंबई पुलिस ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश की 1400 पन्नों की चार्जशीट, रिपब्लिक टीवी के अधिकारी समेत 12 को बनाया गया आरोपी :-
कथित टीआरपी घोटाले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को स्थानीय मजिस्ट्रेट कोर्ट में 1400 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल कर दिया है। इसमें पुलिस ने ऑडिटर्स, फॉरेंसिक विशेषज्ञों समेत 140 लोगों को गवाह बनाया है। मामले में दो आरोपियों को भी सरकारी गवाह बनाने के लिए अर्जी दी गई है। पुलिस के मुताबिक, फिलहाल मामले की छानबीन चल रही है और आगे की जांच के बाद पूरक आरोपपत्र दायर किया जाएगा।
इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि कथित टेलीविजन रेटिंग पॉइंट (टीआरपी) घोटाले की जांच कर रही पुलिस की अपराध आसूचना इकाई (सीआईयू) ने मजिस्ट्रेट अदालत में आरोपपत्र दायर किया है। कथित टीआरपी घोटाला पिछले महीने तब सामने आया था जब रेटिंग एजेंसी ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (बार्क) ने ‘हंसा रिसर्च ग्रुप’ के जरिए यह शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ टेलीविजन चैनल टीआरपी के आंकड़ों में हेरफेर कर रहे हैं।
‘व्यूअरशिप डेटा’ (कितने दर्शक कौन सा चैनल देख रहे हैं और कितने समय तक देख रहे हैं) दर्ज करने के लिए मापक यंत्र लगाने की जिम्मेदारी ‘हंसा’ को दी गई थी। टीआरपी काफी महत्वपूर्ण होती है क्योंकि इसपर चैनलों का विज्ञापन राजस्व निर्भर करता है। मुंबई पुलिस के आयुक्त परमबीर सिंह ने पिछले महीने दावा किया था कि रिपब्लिक टीवी और दो मराठी चैनल-बॉक्स सिनेमा तथा फक्त मराठी टीआरपी के आंकड़ों में छेड़छाड़ कर रहे हैं। रिपब्लिक टीवी और अन्य ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को गलत बताया था।
12 लोगों को बनाया गया आरोपी
मजिस्ट्रेट कोर्ट में दाखिल आरोपपत्र में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 465, 468, 406, 120बी, 201, 204, 212 और 34 के तहत आरोप लगाए हैं। मामले में अब तक 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें रिपब्लिक टीवी के डिस्ट्रीब्यूशन हेड घनश्याम शर्मा भी शामिल हैं। पुलिस ने मामले में रिपब्लिक टीवी, न्यूज नेशन, फक्त मराठी, बॉक्स सिनेमा और वाऊ चैनलों के खिलाफ पैसे देकर फर्जी टीआरपी हासिल करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने इन चैनलों के संचालकों और मालिकों को भी फरार आरोपी बताया है।
पुलिस का दावा है कि मामले में पकड़े गए कई आरोपी चैनलों के अधिकारियों और जिन लोगों के घरों में टीआरपी मापने वाले बैरों मीटर लगे हैं, उन दोनों के साथ संपर्क में थे। आरोपियों ने चैनलों से पैसे लेकर खास चैनल देखने के लिए लोगों को पैसे बांटने की बात स्वीकार की है। फोन, लैपटॉप और बैंक खातों से इसके सबूत भी मिले हैं।
अर्णब के साथ चैट मुखर्जी ने की डिलीट
मामले की जांच से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि रिपब्लिक टीवी चैनल की सीओओ प्रिया मुखर्जी जांच में सहयोग नहीं कर रहीं हैं। पूछताछ के लिए उन्हें जब भी बुलाया गया वे अपना मोबाइल लेकर नहीं आईं इसके अलावा अर्णब के साथ हुई चैट भी उन्होंने डिलीट कर दिया है। इस चैट को हासिल करने की कोशिश की जाएगी। फिलहाल मुखर्जी ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दे रखा है, जिसके चलते उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगी हुई है। लेकिन पुलिस उन्हें मामले में फरार आरोपी बता रही है।
पुलिस ने मंगलवार को वाऊ चैनल के मालिक जयंतीलाल गडा और उनके बेटे अक्षय को पूछताछ के लिए तलब किया था लेकिन दोनों हाजिर नहीं हुए। गडा पेन इंडिया लिमिटेड नाम की फिल्म प्रोडक्शन कंपनी के भी मालिक हैं।
ईडी के साथ मतभेद नहीं
टीआरपी मामले की छानबीन कर रहे एपीआई सचिन वझे ने केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी द्वारा मामला दर्ज किए जाने पर कहा कि हमने ही उन्हें मामले से जुड़े दस्तावेज मुहैया कराए थे। हम ईडी को मामले से जुड़ी सारी जानकारियां मुहैया कराएंगे। दोनों जांच एजेंसियों के बीच मतभेद की खबरें गलत हैं। बता दें कि ईडी में मामले की शिकायत मुंबई पुलिस से करने वाले हंसा ग्रुप के डिप्टी जनरल मैनेजर नितिन देवकर को पूछताछ के लिए बुलाया है।