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प्रधानमंत्री मोदी ने आज 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्‍मेलन को किया संबोधित

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्‍मेलन के समापन सत्र में संबोधित किया. अपने भाषण की शुरुआत में पीएम मोदी ने मुंबई हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने कहा आज की तारीख, देश पर सबसे बड़े आतंकी हमले के साथ जुड़ी हुई है. पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुंबई पर धावा बोल दिया था. कई देशों के लोग मारे गए थे. मैं मुंबई हमले में मारे गए सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.

1-आज मुंबई हमले जैसी साजिशों को नाकाम कर रहे, आतंक को एक छोटे से क्षेत्र में समेट देने वाले, भारत की रक्षा में प्रतिपल जुटे हमारे सुरक्षाबलों का वंदन करता हूं.
2-संविधान के तीनों अंगों की भूमिका से लेकर मर्यादा तक सबकुछ संविधान में ही वर्णित है. 70 के दशक में हमने देखा था कि कैसे शक्ति के विभाजन की मर्यादा को भंग करने की कोशिश हुई थी, लेकिन इसका जवाब भी देश को संविधान से ही मिला.
3-कोरोना महामारी के दौरान भारत की 130 करोड़ से ज्यादा जनता ने जिस परिपक्वता का परिचय दिया है, उसकी एक बड़ी वजह, सभी भारतीयों का संविधान के तीनों अंगों पर पूर्ण विश्वास है. इस विश्वास को बढ़ाने के लिए निरंतर काम भी हुआ है.
4-कोरोना के समय में हमारी चुनाव प्रणाली की मजबूती दुनिया ने देखी है. इतने बड़े स्तर पर चुनाव होना, समय पर परिणाम आना, सुचारु रूप से नई सरकार का बनना, ये इतना भी आसान नहीं है.

मोदी 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के समापन सत्र को करेंगे  संबोधित - modi to address closing session of 80th all india presiding  officers conference
5-हमें ये याद रखना है कि जब विचारों में देशहित और लोकहित की बजाय राजनीति हावी होती है तो उसका नुकसान देश को उठाना पड़ता है.
6-सरदार पटेल का ये स्मारक इस बात का जीता-जागता सबूत है कि जहां कोई राजनीतिक छूआ-छूत नहीं. देश के गौरव से बड़ा कुछ नहीं हो सकता.
7-हमारे कानूनों की भाषा इतनी आसान होनी चाहिए कि सामान्य से सामान्य व्यक्ति भी उसको समझ सके. हम भारत के लोगों ने ये संविधान खुद को दिया है.
8-समय के साथ जो कानून अपना महत्व खो चुके हैं, उनको हटाने की प्रक्रिया भी आसान होनी चाहिए. बीते सालों में ऐसे सैकड़ों कानून हटाए जा चुके हैं.

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