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भारत-चीन के बीच विवाद लगातार जारी भारतीय सैनिक युद्ध की तैयारी में तैनात

भारत और चीन के बीच इस साल मई से जारी गतिरोध अब शायद इस ठंड में खत्म हो. पूर्वी लद्दाख पर वास्तविक नियंत्रण रेखा से सेना हटाने के लिए हुई करीब 8 कमाडंर स्तरीय बैठक के बाद भी दोनों देशों में गतिरध बढ़ गया है.

माना जा रहा है कि अब ठंड में दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने डटी रहेंगी. बीते सात महीने से जारी सैन्य गतिरोध अभी भी वैसा ही बरकरार है एक सूत्र ने दावा किया कि दोनों देशों के बीत सहमति से पीछे हटने की प्रक्रिया के लिए चल ही वार्ता अगली किसी जानकारी तक रुक गई है. चीन ने 9वीं दौर की बातचीत के लिए कोई तारीख नहीं बताई है

रिपोर्ट के अनुसार चीन कहना है कि अगर सेना को हटाना है तो पैंगोंग झील-चूशूल स्थित दक्षिणी किनारे से यह प्रस्ताव लागू हो. बता दें यह वही जगह है जहां इस साल 29 अगस्त से ही भारतीय सैनिकों ने चीन पर बढ़त बना ली है.

दूसरी ओर भारत ने स्पष्ट कहा है कि सैनिकों की वापसी की शुरुआत पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे से हो जहां फिंगर 4 से लेकर फिंगर 8 तक के 8 किलोमीटर के इलाके पर चीन अपना दावा कर रहा है. इन सबके साथ ही भारत के लिए रणनीतिक रूप से अहम देपसांग के मैदानी इलाके को लेकर सवाल बरकरार है.

देपसांग में बीते सात महीने से भारतीय सैनिकों की पैट्रोलिंग रुकी हुई है. 8वें दौर की वार्ता के बाद कहा जा रहा था कि दोनों देश इस बात पर सहमत हो गए हैं कि वे सैनिक, टैंक, तोप और आर्म्ड व्हीकल को पैंगोंग ढील से पीछे हटा लेंगे. हालांकि अब तक ऐसा कुछ हुआ नहीं है.

रक्षा मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट ने रेन को उद्धृत करते हुए कहा,’बैठक के बाद, चीन-भारत सीमा पर वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे पश्चिमी सेक्टरों से सैनिकों की वापसी के लिये चीन और भारत स्पष्ट व गहन संवाद तथा समन्वय बरकरार रख रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘चीन सैन्य और कूटनीतिक माध्यमों से भारतीय पक्ष के साथ संवाद बरकरार रखने को तैयार है. हमें उम्मीद है कि भारतीय पक्ष भी समान लक्ष्य की दिशा में ईमानदार रवैये और सकारात्मक कार्यों के जरिये चीन के साथ काम करेगा जिससे सीमावर्ती क्षेत्र में संयुक्त रूप से शांति और स्थिरता की रक्षा हो सके.

पूर्वी लद्दाख में शून्य से भी कम तापमान वाले विभिन्न पहाड़ी स्थानों पर करीब 50 हजार भारतीय सैनिक पूरी युद्धक तैयारी में तैनात हैं. दोनों पक्षों के बीच कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के बावजूद सीमा पर गतिरोध का कोई ठोस समाधान अब तक नहीं निकला है. अधिकारियों के मुताबिक चीन ने भी लगभग उतनी ही संख्या में सैनिकों की तैनाती की है.

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