केजीएमयू में इंटर्न डॉक्टरों का धरने को हुए तीन दिन।
केजीएमयू में इंटर्न डॉक्टरों का धरना तीसरे दिन भी जारी रहा। उधर, शिलान्यास कार्यक्रम में संस्थान पहुंचे मंत्री को डॉक्टरों के विरोध का सामना करना पड़ा। ऐसे में उन्होंने समस्या समाधान के लिए तत्काल दफ्तर बुलाया। वहीं कोविड प्रोटोकॉल उल्लंघन में 150 से अधिक इंटर्न डॉक्टरों पर पुलिस ने एफआइआर दर्ज की।
केजीएमयू में तीन सौ से अधिक इंटर्न हैं। इसमें 250 एमबीबीएस व 70 बीडीएस के हैं। इंटर्न डॉक्टरों ने कई बार संस्थान प्रशासन व शासन को भत्ता बढ़ोतरी काे लेकर पत्र लिखा। उन्होंने प्रतिमाह 7500 रुपये को दैनिक मजूदरी से भी कम बताया। दावा है कि केंद्रीय संस्थानों में 23,500 रुपये इंटर्न को दिए जा रहे हैं। वहीं कई राज्य 30 हजार रुपये प्रति माह तक भत्ता दे रहे हैं। सुनवाई न होने पर केजीएमयू के इंटर्न डॉक्टर गेट नंबर एक पर तीसरे दिन भी डटे रहे। भूख हड़ताल की।
इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन में 150 से अधिक इंटर्न डॉक्टरों पर चौक कोतवाली में एफआइआर दर्ज की गई। एसीपी आइपी सिंह ने इसकी पु िष्ट की। वहीं दिन भर पुलिस बल भी धरना स्तर पर तैनात रहा। इस दौरान रेजीडेंट डॉक्टर एसोसिएशन भी इंटर्न डॉक्टर के समर्थन में उतर आया।
केजीएमयू में तीन बजे सेंटर फॉर आर्थोपेडिक स्पेशयलिटी का शिलान्यास कार्यक्रम था। इसमें चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेशा खन्ना, चिकित्सा शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह व कानून मंत्री बृजेश पाठक आए। इंटर्न डॉक्टरों को भनक लगते ही वह गेट नंबर एक से पोस्टर लेकर ब्राउन हाल मार्च कर दिया। ऐसे में गार्ड व पुलिसकर्मी भवन के चारों ओर तैनात हो गए।
अंदर कार्यक्रम चलता रहा। वहीं भवन के बाहर डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी रहा। मंत्री के निकलते ही इंटर्न डॉक्टरों ने मांगों को लेकर नारेबाजी की। घेराव किया। ऐसे में अफसर सकते में आ गए। उन्होंने शाम को इंटर्न व रेजीडेंट डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल को सचिवालस स्थित कार्यालय में वार्ता के लिए बुलाया। इंटर्न डॉ. शिवम मिश्रा के मुताबिक डॉॅ. अविनाश, डॉ. अमरपाल व आरडीए से डॉ. कावेरी व डॉ. कृष्णा वार्ता में शामिल रहे।