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यूपी सरकार के प्रोजेक्‍ट गंगा एक्‍सप्रेसवे के लिए इंजीनियर के 200 से अधिक पदों पर भर्ती

36,402 करोड़ की लागत से तैयार होने जा रहे यूपी सरकार के महत्‍वाकांक्षी प्रोजेक्‍ट गंगा एक्‍सप्रेसवे के निर्माण के लिए इंजीनियर के 200 से अधिक पदों पर भर्ती की जाएगी. औद्योगिक विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. इंजीनियर, असिस्‍टेंट इंजीनियर, एग्जिक्‍यूटिव इंजीनियर और सुप्रिटेंडेट इंजीनियर के पदों पर योग्‍य उम्‍मीदवारों की भर्ती की जाएगी. इस भर्ती के संबंध में जल्‍द आधिकारिक नोटिफिकेशन भी जारी किया जाएगा.

594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे मेगा परियोजना के लिए बड़ी तादाद में इंजीनियर, तहसीलदार, लेखपाल, लेखाकार, वन अधिकारी और कंप्यूटर ऑपरेटर की जरूरत होगी जिसके लिए करीब 211 पदों का सृजन किया जाएगा.

विभाग के अधिकारी ने यह भी जानकारी दी है कि एक्सप्रेस वे के लिए यूपी यूपीडा को ग्राम सभा की जमीन भी मुफ्त दी जाएगी. एक्सप्रेस वे के हर पैकेज में चार चार के हिसाब से 48 जूनियर इंजीनियर सिविल तैनात होंगे. 36 असिस्‍टेंट इंजीनियर, 16 एग्जिक्‍यूटिव इंजीनियर, 04 सुप्रिटेंडेट इंजीनियर और 02 मुख्य इंजीनियर सिविल तैनात होंगे.

work on ganga expressway could start by year end, deadline of 2025 fixed - गंगा  एक्सप्रेसवे पर जल्द शुरू होने वाला है काम, 13 जिलों को जोड़ते हुए मेरठ से  पहुंचेगा प्रयागराज,

बता दें कि गुरुवार 26 नवंबर को ही यूपी सरकार ने गंगा एक्‍सप्रेसवे प्रोजेक्‍ट को मंजूरी दी है जिसका निर्माण 36,402 करोड़ की लागत से किया जाएगा और हरिद्वार से प्रयागराज को जोड़ेगा और मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव और राय बरेली से गुज़रेगा. इस परियोजना के लिए जरूरी फंड जुटाने के लिए राज्‍य सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्‍सप्रेसवे को मोनेटाइज़ करने का भी फैसला लिया है.

राज्‍य सरकार का कहना है कि एक्‍सप्रेसवे के निर्माण से न केवल गंगा के साथ चलते हुए हरिद्वार से प्रयागराज आना-जाना आसान होगा, बल्कि यह राज्‍य के सामाजिक और आर्थिक विकास में भी महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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