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कृषि मंत्री तोमर का बड़ा बयान आया सामने कहा किसानों के नाम पर राजनीति न करें पार्टियां

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों के किसानों के जारी प्रदर्शन के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर से किसानों को बातचीत का न्योता दिया है। इसके साथ ही, तोमर ने राजनीतिक दलों पर किसानों के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा सरकार किसान संघों के साथ बातचीत के लिए तैयार है, ताकि उनके मुद्दों को हल किया जा सके। हमने उन्हें 3 दिसंबर को बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। मुझे उम्मीद है कि वे बैठक में आएंगे तोमर ने आगे कहा कि मैं राजनीतिक दलों से किसानों के नाम पर राजनीति नहीं करने का आग्रह करता हूं।

इससे पहले शुक्रवार को नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों से कहा था कि भारत सरकार उनसे चर्चा के लिए तैयार थी, तैयार है और तैयार रहेगी। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि मैं सभी किसानों से आग्रह करता हूं

कि सर्दी के मौसम में और कोविड के संकट में आंदोलन स्थगित करें और चर्चा का रास्ता अपनाएं। भारत सरकार उनसे चर्चा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी 2 चरण अपने स्तर पर, सचिव स्तर पर किसानों से वार्ता हो चुकी है। 3 दिसंबर को बातचीत के लिए किसान यूनियन को हमने आमंत्रण भेजा है।

तीनों कृषि कानूनों को लेकर सरकार का दावा है कि सभी किसानों के हित के लिए बनाए गए हैं। कृषि मंत्री तोमर ने कहा था कि हाल ही में आए कानूनों का लक्ष्य कुछ और है। यह किसानों के हित में हैं। ये क्रय-विक्रय, कॉन्ट्रैक्ट कृषि आदि से जुड़े हैं।

एमएसपी उनके विस्तार से बाहर है। सरकार के मुताबिक यह बदलाव बड़े खरीददारों को लाएंगे, सुपरमार्केट और निर्यातकों को उनके द्वार तक लेकर आएंगे। हालांकि, किसान यूनियनों का कहना है कि नए कानूनों के तहत ऐसा हो सकता है कि सरकार गारंटीकृत मूल्यों पर अनाज खरीदना बंद कर दे, और उन्हें निजी खरीदारों की दया पर निर्भर रहना पड़े।

केंद्र द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली जाने पर अड़े हजारों किसान गत 24 घंटे से सिंघू बॉर्डर पर जमे हुए जिसकी वजह से करीब सात किलोमीटर लंबा जाम लग गया है।

वहीं, सीमा पर जमे किसान दोपहर में बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे। हरियाणा व दिल्ली पुलिस ने भारी बैरिकेडिंग कर किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोक रखा है। हालांकि,सरकार ने दिल्ली के बुराड़ी स्थित निरंकारी मैदान में प्रदर्शन की इजाजत दे दी है, लेकिन किसान वहां जाने को तैयार नहीं है और बॉर्डर पर जमे हुए है।

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