साढ़े आठ माह गुजरने के पश्चात् कोटा में हुई विद्यार्थियों की वापसी
कोचिंग इंस्टीट्यूट के लिए कोटा की पूरे भारत में पहचान है। मार्च में COVID-19 लॉकडाउन के कारण हजारों विद्यार्थियों को अपने गृह राज्यों को लौटना पड़ा। इनमें सईमा रहमान का भी नाम था, जिन्हें बिहार में अपने घर लौटना पड़ा। अब साढ़े आठ माह गुजरने के पश्चात् इन विद्यार्थियों ने फिर कोटा का रुख करना आरम्भ किया है।
मध्य प्रदेश तथा गुजरात जैसे प्रदेशों के कुछ छात्र-छात्राओं की प्रकार सईमा ने भी फिर कोटा पहुंच कर अपना डॉक्टर बनने का सपना पूरा करने के लिए कोचिंग फिर से लेना आरम्भ कर दिया है। सईमा कोटा में रहकर NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) की तैयारी कर रही हैं, जिससे उन्हें किसी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल सके। अन्य विद्यार्थी जो लौटे हैं, उन्हें विभिन्न एंट्रेस एग्जाम्स के लिए तैयारी करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस प्रकार की तैयारी के लिए स्वयं को बेहद फोकस रखने के साथ हर दिन घंटों पढ़ाई करनी पड़ती है।
वही इन विद्यार्थियों का कहना है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट्स फिर से क्लासेज लेना आरम्भ करें क्योंकि ऑनलाइन कक्षाएं पर्याप्त नहीं हैं। बिहार के ही एक विद्यार्थी फहीन ने कहा कि पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना कठिन था, इसलिए मैं कोटा लौट आया। फिजिकल क्लासेज फिर से आरम्भ होनी चाहिए। ऑनलाइन टीचिंग ज्यादा सहायक नहीं है। एक अन्य विद्यार्थी ने कहा कि लंबे समय तक मेरी आंखें लंबी ऑनलाइन क्लासेज के कारण प्रभावित हुई हैं। बिहार का समस्तीपुर, जहां मेरा घर है, वहां इंटरनेट कनेक्टिविटी अच्छी नहीं है।