12 दिसंबर को चमकेगा हरी पूंछ वाला धूमकेतु ‘इरैस्मस’ :-
साल 2020 में 2 बड़े धूमकेतु (कॉमेट्स) आसमान के चक्कर लगाते नजर आए। अब एक और धूमकेतु दस्तक देने को तैयार है। आने वाले हते में 6 गुना ज्यादा चमकदार होने वाला धूमकेतु इरैस्मस सूरज का चक्कर काटने में 1900 साल लगाता है। यह अभी हल्क-हल्का आसमान में दिखने लगा है, लेकिन फिलहाल बिना किसी उपकरण के इसे देखा नहीं जा सकता है। 2 हजार साल बाद होगा दीदार जैसे-जैसे इरैस्मस सूरज के करीब जाएगा, इसकी चमक बढ़ती जाएगी। ऐस्ट्रोनॉमर्स का अनुमान है कि यह सबसे ज्यादा चमकीला 12 दिसंबर को होगा, जब मरकरी की कक्षा में दाखिल होगा और सूरज के सबसे करीब होगा। इसके बाद यह 2 हजार साल बाद ही नजर आएगा। ऐस्ट्रोनॉमी साइट स्पेस वेदर के मुताबिक अगर वीनस दिख गया तो धूमकेतु को भी देखा जा सकेगा। इसके पास ही चमकीला सितारा ‘स्पाइका’ है और उसके जरिए भी ‘इरैस्मस’ को ढूंढा जा सकेगा।
कैसा दिखता है ‘इरैस्मस’?
इस धूमकेतु को 21 सितंबर को दक्षिण अफ्रीकी ऐस्ट्रोनॉमर निकोलस इरैस्मस ने खोजा था। उन्हीं के नाम पर इसका नाम रखा गया है। ऐस्ट्रोनॉमर जेराल्ड रेमन ने 20 नवंबर को इसकी तस्वीर ली थी, जिसमें यह खूबसूरत हरे रंग का दिख रहा था। वहीं, वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि धमूकेतु सिर्फ आंखों से देखना मुश्किल हो जाएगा। रिसर्चर्स का कहना है कि रोशनी के कारण इसे देखने में आम लोगों से लेकर ऐस्ट्रोनॉमर्स तक को दिक्कत होगी।