दिल्ली में मंडी के बाहर अनाज बेच सकेंगे किसान :-
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच दिल्ली सरकार ने एक कानून को अधिसूचित कर दिया है। इस कानून के तहत अब दिल्ली के किसान मंडी के बाहर भी अपना अनाज, फल, सब्जी बेच सकते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि किसान उत्पाद, व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) 2020 की अधिसूचना जारी हुई थी। बाकी दो कानूनों पर सरकार अभी विचार कर रही है। दरअसल, दिल्ली में पहले से ही कृषि उत्पाद बाजार समिति कानून लागू है। इस एक्ट के तहत 2014 से ही मंडी से बाहर फल और सब्जी बेचने की सुविधा थी। अधिकारियों का कहना है कि नया कानून लागू होने से किसान अब अपनी दूसरी फसलें भी मंडी से बाहर बेच सकते हैं। इसका खास असर अनाज पर पड़ेगा। इसके साथ इसमें मुर्गी पालन को जोड़ा गया है। नई अधिसूचना से किसानों को मंडी से बाहर अपना उत्पाद बेचने की सुविधा होगी। अधिकारियों के मुताबिक, नए कानून मौजूदा मंडियों को खत्म करने का कोई प्रावधान नहीं है। उल्टा मंडी के बाहर किसानों के पास अपनी पैदावार बेचने का विकल्प मौजूद होगा। इसके अलावा दोनों अन्य कानून अभी अधिसूचित नही किए गए है। सरकार उन पर विचार कर रही है। गौरतलब है कि नए कृषि कानूून लागू होने से किसानों मे आशंका है कि मंडिया खत्म हो जाएंगी। इसके खिलाफ किसान सड़क पर संघर्ष कर रहे हैं। मंडी के बाहर भी वह अपने अनाज व सब्जी को बेच सकते हैं। दिल्ली में सब्जियों को लेकर यह व्यवस्था पहले से है। अब अनाज पर भी यही व्यवस्था लागू हुई है। सरकार मंडी को खत्म नहीं करने जा रहे है। किसान इसके खिलाफ नहीं है। वह न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर चिंता जता रहे है। हम उनकी इस मांग का समर्थन करते है।
नोटिफिकेशन पर कैप्टन हैरान
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसान आंदोलन को लेकर आम आदमी पार्टी के दोहरे रवैये पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में आप सरकार द्वारा घातक कृषि कानूनों को शर्मनाक ढंग से लागू करने से उसके किसानों के साथ खड़े होने के दावों पर से पर्दा उठ गया है। मंगलवार को एक बयान में मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ़ आम आदमी पार्टी आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन का दावा कर रही है और दूसरी तरफ़ अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली में 23 नवंबर को गजट नोटिफिकेशन जारी कर इन काले कानूनों को लागू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह पार्टी स्पष्ट तौर पर अपने चुनावी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए राजसी चालें चल रही है। जब किसान ‘दिल्ली चलोÓ की तैयारी कर रहे थे तो केजरीवाल सरकार ने उस समय नोटिफिकेशन जारी करके राष्ट्रीय राजधानी में अन्नदाता की मौत के वारंट पर हस्ताक्षर कर दिए।