कोराेना संक्रमण के इलाज को लेकर चिंतित विश्व के लिए बिहार से अच्छी खबर है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो बिहार में हो रहे सफल परीक्षण के बाद देश के पहले स्वदेशी वैक्सीन का उत्पादन नए साल के आरंभिक दौर में शुरू हो जाएगा। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और भारत बायोटेक (Bharat Biotech) द्वारा तैयार कोरोना वैक्सीन के दो चरणों के परीक्षण की सफलता के बाद तीसरे चरण का परीक्षण पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (Patna AIIMS) में आज से शुरू हो गया है।
पटना एम्स में तीसरे चरण का परीक्षण आरंभ
एम्स पटना के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सीएम सिंह ने बताया की संस्थान में दो चरणों में 90 वालंटियरों पर मानव परीक्षण किए जा चुके हैं। इनमें किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं दिखा। दोनों परीक्षणों की सफलता के बाद अब आइसीएमआर की अनुमति से तीसरे चरण के परीक्षण को आरंभ किया गया है।
कोई भी स्वस्थ व्यक्ति बन सकता है वालंटियर
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सीएम सिंह ने बताया कि 18 से 55 वर्ष का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति इस परीक्षण का हिस्सा बन सकता है। परीक्षण की सफलता के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों के इसमें शामिल होने की जरूरत है। तीसरे चरण में एक हजार वालंटियरों पर वैक्सीन परीक्षण करने का लक्ष्य रखा गया है।
मानव परीक्षण के पहले होगी स्वास्थ्य की जांच
तीसरे चरण में वालंटियर को दो डोज दी जाएगी। पहले चरण में हाफ एमएल वैक्सीन की डोज देने के बाद 28 दिनों बाद स्वास्थ जांच होगी। इसके बाद दूसरी डोज दी जाएगी। वैक्सीन देने से पहले वालंटियर की स्वास्थ्य जांच होगी। स्वस्थ पाए जाने वालों पर ही परीक्षण होगा।
नए साल में वैक्सीन मिल जाने की उम्मीद
डॉ. सीएम सिंह के अनुसार अब तक जितने भी वालंटियर पर वैक्सीन का परीक्षण किया गया है, उसके असर को देखते हुए लगता है की नये वर्ष के शुरुआती महीनों में ही स्वदेशी वैक्सीन मिल जाएगी।