ममता बनर्जी की धमकी, किसान कानून वापस नहीं लिए तो देश भर में करेंगे आंदोलन :-
सरकार और किसानों के बीच वार्ता में कल 40 किसान संघो के प्रतिनिधियों ने दिल्ली में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश के साथ वार्ता में भाग लिया. बैठक के बाद कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आश्वासन दिया कि सरकार किसानों के सभी मुद्दों और शंकाओं पर चर्चा के लिए तैयार है.
वही किसानों ने भी माना है कि सरकार ने अपने रुख में नरमी लाई है और हो सकता है कि अगले दौर की बातचीत में शायद इस मसले का हल निकल सके. इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुलेआम केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को धमकी दी है कि अगर किसान विरोधी नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो वो देशव्यापी विरोध-प्रदर्शन और आंदोलन छेड़ेंगी. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, “मैं किसानों, उनके जीवन और उनकी आजीविका के बारे में बहुत चिंतित हूं. भारत सरकार को किसान विरोधी कानून वापस लेना चाहिए. यदि वह तत्काल ऐसा नहीं करते हैं तो हम राज्य और देश भर में विरोध प्रदर्शन करेंगे. शुरुआत से ही हम इन किसान विरोधी विधेयकों का विरोध कर रहे हैं.”
एक और ट्वीट में ममता ने कहा कि, ‘हमने शुक्रवार 4 दिसंबर को अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की बैठक बुलाई है. हम इस बात पर चर्चा करेंगे कैसे एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट आम लोगों को प्रभावित कर रहा है और कैसे महंगाई आसमान छू रही है. केंद्र सरकार को लोक विरोधी कानूनो को वापस लेना चाहिए.’
केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि, ‘भारत सरकार सब कुछ बेच रही है. आप रेलवे, एयर इंडिया, कोयला, बीएसएनएल, बीएचईएल, बैंक, रक्षा, आदि को बेच नहीं सकते. गैर-संकल्पित विनिवेश और निजीकरण नीति को वापस लो. हमें अपने राष्ट्र के खजाने को भाजपा पार्टी की व्यक्तिगत संपत्ति में बदलने की अनुमति नहीं देनी चाहिए.’