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दिल्ली में कोरोना मरीजों का प्रबंधन न्यूयार्क से भी बेहतर: सीएम अरविंद केजरीवाल

नवंबर महीने के दौरान बेकाबू हुआ कोरोना वायरस संक्रमण अब धीरे-धीरे काबू में आ रहा है। हालांकि, स्थित बहुत अच्छी नहीं है, लेकिन संतोषजनक जरूर है। दिल्ली में कोरोना का काबू करने में आम आदमी पार्टी सरकार के साथ केंद्र सरकार भी हर संभव मदद कर रही है। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को नियंत्रित करने की दिल्ली में पूरी मशक्कत चल रही है और अब स्थिति नियंत्रण में आने लगी है। केस भी काफी कम आने लगे हैं।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा कि दिल्ली कोरोना को लेकर काफी मुश्किल लड़ाई लड़ रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली देश की राजधानी है। इसलिए विदेश से जितने लोग आए, उनमें से ज्यादातर लोग दिल्ली आए थे और शुरुआत में ही दिल्ली में कोरोना के बहुत सारे केस आए थे। दिल्ली में अब कोरोना की तीसरी लहर चल रही है और दिल्ली में 8500 केस का चरम समय था। पूरी दुनिया के अंदर पूरे शहर में कभी भी इतने ज्यादा केस कभी नहीं आए। जब पूरी दिल्ली के अंदर केस आए, जैसे- न्यूयार्क में चरम के दौरान करीब 6300 केस अधिकतम आए थे। तब न्यूयार्क के सभी अस्पताल भरे हुए थे, सड़कों के ऊपर मरीज पड़े हुए थे, कॉरिडोर में मरीज पड़े हुए थे, लाशों के ढेर पड़े थे, लेकिन जब दिल्ली में 8500 केस के साथ चरम समय आया, तब हमारा पूरा अस्पताल मैनेजमेंट सिस्टम दुरुस्त था। कोई मरीज सड़कों पर नहीं था, कॉरिडोर में कोई मरीज नहीं था और दिल्ली में 7000 से अधिक बेड खाली पड़े हुए थे।

वहीं,  मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली ने वकीलों के लिए वेलफेयर स्कीम देश में सबसे पहले लागू कर दूसरे राज्यों को रास्ता दिखाया। मुख्यमंत्री बृहस्पतिवार को दिल्ली बार काउंसिल एवं बार एसोसिएशन की कोआíडनेशन कमेटी को धन्यवाद देने के लिए आयोजित बैठक में बोल रहे थे। वकीलों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार वेलफेयर स्कीम को विधानसभा चुनाव से पहले लागू करना चाहती थी, लेकिन इसे लागू करने में कई बड़ी अड़चनें थीं, जिसके चलते थोड़ी देर हुई। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली सरकार ने सबसे ज्यादा निवेश किया है। इसका परिणाम कोरोना के समय दिख रहा है। पिछले 70 वर्षो में किसी भी सरकार ने स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में निवेश नहीं किया, लेकिन अब पूरे देश के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा का क्षेत्र निवेश के लिए सबसे प्राथमिकताओं वाला सेक्टर होना चाहिए। वहीं मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली ने हमेशा सभी लोगों का विकास और कल्याण सुनिश्चित किया है। उन्होंने अधिवक्ताओं के लिए कल्याणकारी योजनाएं लागू करके दिल्ली के अधिवक्ताओं की सेवा करने का यह अवसर दिया, इसके लिए 50 करोड़ का बजट है

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