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बिहार: मौसम में बदलाव के साथ ही अस्‍पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्‍या, सबसे अधिक सर्दी-बुखार से पीड़‍ित

रक्सौल पूर्वी चंपारण हिमालय के तलहटी वाले क्षेत्र में सर्द मौसम ने दस्तक दे दी है। इसका असर सेहत पर भी पड़ने लगा है। मौसमी बीमारियों की वजह से मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। सदर अस्पताल में सर्दी-खांसी और बुखार के पीड़ितों की संख्या बढ़ी है। अस्पतालो में मरीजों की भीड़ भी पहुंची।  सरकारी गैर सरकारी अस्पतालों के ओपीडी में मरीजों की भीड़ पंहुच रही है। अभी फिलहाल धूप निकलने से दिनभर मौसम गर्म रहता है। हालांकि, शाम होते ही ठंड बढ़ने लगती है। ठंड बढ़ते ही मौसमी बीमारियों का प्रकोप शुरू हो जाता है। इन दिनों बुखार, सर्दी-जुकाम, खांसी के मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। डाक्टरों के अनुसार कोरोना संक्रमण ठंड में तेजी से फैलता है। इस सीजन में लापरवाही बरती गई तो यह घातक भी हो सकता है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एसके सिंह ने बताया कि ठंड के मौसम में सर्दी, जुकाम व बुखार का होना आम बात है। कोरोना के इस काल में यह काफी अधिक खतरनाक हो सकता है। उनका कहना है कि वायरल फीवर होते ही उसकी जांच कराना जरूरी है।

गर्म कपड़ों के लिए बाजार में उमड़ने लगे खरीदार

शाम ढ़लते ही सर्द मौसम का एहसास होते ही गर्म कपड़ों के बाजार में गर्माहट आने लगी है। ठंड होने से बाजार एवं विभिन्न मॉलों में खरीदारों की चहल-पहल बढ़ गई है। शहर के छोटे दुकानों पर भी लोग गर्म कपड़ों को खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं। शहर के दिल्ली-काठमांडू को जोड़ने वाली पथ स्थित फुटपाथ के अलावें मॉल में खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है। गर्म कपड़े के व्यपारी आलोक श्रीवास्तव, शंभु प्रसाद ने बताया कि कंबल व शॉल की कई तरह की वेरायटी उपलब्ध है। तीन सौ रुपये से लेकर तीन हजार तक का नए-नए डिजाइन का कंबल उपलब्ध है। सर्दियों के लिए गर्म टी-शर्ट, स्वेटर, स्टाल जैसे गर्म कपड़ों से बाजार पट गया है। खासकर मॉलों में फैंसी गर्म कपड़े का पूरा रेंज उपलब्ध है। बाजारों में इन उत्पादों की कीमत 50 रुपये से शुरू होकर दो हजार रुपये तक है और ये उत्पाद हर आयु-वर्ग के लोगों के लिए हैं। युवाओं की पसंद के लिए स्टाइलिश जैकेट, स्वेटर, टोपियां, स्कार्फ और दस्ताने बाजार में उपलब्ध हैं।

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