अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत, जानिए क्या बोंली वित्त मंत्री सीतारमण :-
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार उम्मीद से ज्यादा दिख रहा है। इसका कारण बाजार में नई मांग आना है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में यह सुधार टिकाऊ होगा। अगले दो महीनों में आगामी वित्त वर्ष का बजट पेश होना है। आरबीआई और सरकार अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। मुद्रास्फीति के ऊंचे बने रहे के कारण भारती रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को नीतिगत दरों को बरकरार रखा है। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि मुद्रास्फीति में यह तेजी मौसमी है। इसे लेकर प्रत्यक्ष तौर पर चिंतित नहीं है। उन्होंने कहा कि मुद्रा स्फीति विशेषकर खाद्य वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी नरम पड़ जाएगी। जुलाई सितंबर तिमाही में अर्थव्यस्था में गिरावट 7.5 फीसदी रह सकती है। आर्थिक जानकारों का कहना है कि इसकी वजह लॉकडाउन की अवधि में दबी हुई मांग और त्योहारी मांग का बाजार में इजाफा होना है। उनका कहना है कि त्योहारी मौसम खत्म होने के बाद देश की इकोनॉमी में यह सुधार औंधे मुंह गिरेगा।
सीतारमण ने कहा कि दो महीनों में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह एक लाख करोड़ रुपये पर रहा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा था कि अगली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ -7.5 प्रतिशत रहेगी। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 फीसदी पर बरकरार रखा है। आरबीआई गवर्नर ने जीडीपी को लेकर ये आंकड़े ऐसे समय में जारी के हैं जब देश आर्थिक मंदी से जूझ रहा है।