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बाबरी विध्वंस की बरसी पर अयोध्या में सुरक्षा के इतजाम हुए पुख्ता

6 दिसंबर यानी बाबरी विध्वंस की बरसी को अयोध्या में सुरक्षा घेरा सख्त कर दिया गया है. राम जन्मभूमि को जाने वाले सभी मार्गों को सील कर दिया गया है. आने जाने वाले हर व्यक्ति से पूछताछ हो रही है. गौरतलब है कि आज से 28 साल पहले 6 दिसंबर 1992 को उग्र भीड़ ने विवादित ढांचे का विध्वंस कर दिया था.

तभी से 6 दिसंबर को हिंदू पक्ष शौर्य दिवस तो मुस्लिम पक्ष यौमे गम के रूप में मनाते आ रहे हैं. हालांकि इस बार माहौल बदला हुआ है. रामजन्मभूमि और मस्जिद विवाद का पटाक्षेप हो चुका है. साथ बाबरी विध्वंस मामले में सभी आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है. बावजूद इसके प्रशासन सख्ती बरतते हुए दोनों समुदाय को किसी भी तरह के कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं दी है.

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि 6 दिसंबर को दोनों समुदाय कोई भी कार्यक्रम का आयोजन न करें जिससे कि देश और प्रदेश का माहौल बिगड़े. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने कहा कि 6 दिसंबर को किसी भी तरीके के कार्यक्रम की अनुमति नहीं है. दोनों समुदाय के लोगों से यह अपील की है और सामाजिक सहभागिता की बात की है. उधर अयोध्या में किसी भी तरीके का आयोजन न करने का आश्वासन दोनों समाज के लोगों ने दिया है .सभी पक्षों ने सौहार्द और शांति की बात की है.

दीपक कुमार ने कहा कि 6 दिसंबर को यदि कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन होता है या किसी भी पक्ष के द्वारा किसी तरीके का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जो कानून के विपरीत है तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. साथ ही पुलिस विभाग सोशल मीडिया पर भी नजर बनाए हुए है. यदि सोशल मीडिया पर कोई आपत्तिजनक पोस्ट 6 दिसंबर को लेकर की जाती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

6 दिसंबर को लेकर अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. सिविल पुलिस के अलावा आरपीएफ, सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती की गई है. डाग स्क्वायड और एटीएस तथा जल पुलिस व एसटीएफ की टीम भी तैनात हैं. होटल, धर्मशाला और रेलवे स्टेशन समेत सार्वजनिक स्थलों पर सादे वर्दी में पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं.

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