44 दिन भर्ती रहा मरीज, 13 लाख से अधिक का बनाया बिल :-
पीयरलेस हॉस्पिटल में सोमनाथ दास को इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था। करीब 44 दिन भर्ती रहे मरीज का 13 लाख 8 हजार से अधिक का बिल बनाया गया। मामले को लेकर हेल्थ कमिशन में शिकायत की गई थी। इस मामले को लेकर वेस्ट बंगाल क्लिनिकल इस्टेब्लिशमेंट रेग्युलेटरी कमिशन के चेयरपर्सन जस्टिस असीम कुमार बनर्जी ने कहा कि अस्पताल ने कहा कि हमने 20 हजार 52 रुपये डिस्काउंट देने की बात कही थी। वहीं परिजनों का कहना है कि बिल और कम होना चाहिए। मामले को लेकर जस्टिस ने रिवाइज बिल देने की बात कही है। उसके आधार पर ही उचित डिस्काउंट दिया जाएगा।
एक दिन में 1 लाख से अधिक का बिल, 50 हजार लौटाने का निर्देश
विवेकानंद हॉस्पिटल दुर्गापुर में श्रीला चौधरी (50) को भर्ती करवाया गया था। एक दिन में ही महिला की मौत हो गई। अस्पताल ने 1 लाख 6 हजार 217 रुपये का बिल बनाया। इसे लेकर देवर्षि राय चौधरी ने हेल्थ कमिशन में मामला किया था। मामले को लेकर वेस्ट बंगाल क्लिनिकल इस्टेब्लिशमेंट रेग्युलेटरी कमिशन के चेयरपर्सन जस्टिस असीम कुमार बनर्जी ने कहा कि जांच के बाद अस्पताल को 50 हजार रुपये वापस करने का निर्देश दिया गया है। वहीं चार्नक हॉस्पिटल में दिव्येंदु राय चौधरी को 2235 रुपये वापस करने का निर्देश कमिशन ने दिया। इसके अलावा शीतल साव मीज के मामले में आईएलएस हॉस्पिटल, हावड़ा पर अधिक बिल बनाने का मामला किया गया था।
इसमें 1 लाख 66 हजार का बिल बनाया गया। वेस्ट बंगाल क्लिनिकल इस्टेब्लिशमेंट रेग्युलेटरी कमिशन के चेयरपर्सन जस्टिस असीम कुमार बनर्जी ने 65 हजार रुपये वापस करने का निर्देश दिया। आर.फ्लेमिंग में एक मरीज को 4250 रुपये वापस लौटाने का निर्देश दिया गया। जेनिथ हॉस्पिटल को 500 रुपये वापस देने के लिए कहा गया।