किसान आंदोलन : केंद्र को मिला हरियाणा के 1.20 लाख किसानों का साथ :-
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज यानी मंगलवार को 13वां दिन है। किसानों की सरकार के साथ बुधवार को यानी कल छठे दौर की बातचीत होनी है। ऐसे में बातचीत से पहले हरियाणा के किसान दो गुटों में बंटे नजर आ रहे हैं। करीब 1.20 लाख किसानों ने सरकार को चिट्ठी लिखकर कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए कहा है कि नए कानूनों को वापस नहीं लेना चाहिए। हरियाणा के फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशंस (एफपीओ) से जुड़े किसानों ने यह बात कही है। हालांकि, उन्होंने आंदोलनकारी किसानों के सुझावों के मुताबिक कानूनों में संशोधन करने की सिफारिश भी की है।
बता दें कि ऑल इंडिया किसान संघर्ष कोऑर्डिनेशन कमिटी के नेतृत्व में बुलाए गए भारत बंद में देशभर के करीब 400 किसान संगठन शामिल हैं। इसके अलावा, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस, ममता की तृणमूल सरकार समेत दर्जन भर राजनीतिक दलों ने भी बंद का समर्थन किया है। 6 हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर बंद13 दिन से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दिल्ली के मुख्य प्रवेश स्थानों को घेर रखा है और आज भारत बंद की अपील की है। रियाणा से लगते दिल्ली के 4 बॉर्डर पूरी तरह बंद हैं जबकि 2 बॉर्डर सिर्फ हल्के वाहनों के लिए खुले हैं। बता दें कि 20 सियासी दल और 10 ट्रेड यूनियंस किसानों के भारत बंद का समर्थन कर रहे हैं। किसानों को आम आदमी की चिन्ताबता दें कि किसानों ने भारत बंद के लिए मर्यादा सूत्र का ऐलान किया है जिसके तहत कहा गया है कि चक्का जाम सुबह 11 बजे से शाम 3 बजे तक रहेगा। इसके अलावा भारत बंद के तहत सभी बाजार, दुकान, सेवाएं और संस्थान बंद रहेंगे। किसान दूध, फल, सब्जी आदि कोई भी उत्पाद लेकर बाजार नहीं जाएंगे। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करेंगे। जो लोग 2-3 घंटे के लिए बंद में फंस जाएंगे हम उन्हें पानी और फल पहुंचाएंगे।