दिल्ली की हवा की गुणवत्ता फिर से ‘गंभीर’ :-

पराली जलाने की घटना बहुत कम होने के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण से कोई राहत नहीं मिली है और वायु गुणवत्ता सूचकांक मंगलवार दोपहर को ‘गंभीर’ श्रेणी के करीब पहुंच गया है। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 392 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली के 36 में से 18 प्रदूषण निगरानी स्टेशन में वायु गुणवत्ता सूचकांक में गंभीर गिरावट देखी गई। जहांगीरपुरी में सबसे अधिक हानिकारक हवा की गुणवत्ता 439 दर्ज की गई।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने संवेदनशील समूहों को घर से बाहर सभी शारीरिक गतिविधियों से बचने और घर के अंदर ही एक्टिविटी करने की सलाह दी है। मंत्रालय ने दमा रोग से ग्रसित लोगों को खास ख्याल रखने की सलाह दी है।
केंद्र सरकार की एक एजेंसी, सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) ने कहा कि हवा की गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक बायोमास से सघन ठहराव की स्थिति से स्थानांतरित हो रहे हैं, जिससे लेयर हाइट की सीमा कम हो रही है और फॉग का निर्माण हो रहा है।
दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्र -फरीदाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बनी रही। गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा की हवा की गुणवत्ता सबसे खराब रही, जहां क्रमश: 439 और 414 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर की हवा की गुणवत्ता दर्ज की गई।