प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानो से की अपील शेयर किया वीडियो
कृषि कानूनों पर आंदोलित किसानों द्वारा विरोध प्रदर्शन को और तेज करने की चेतावनी के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपील की है. 20 दिन से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अब तक किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे हुए हैं.
सरकार से अब तक 6 दौर की वार्ता भी विफल हो चुकी है. एक ओर जहां किसान इन कानूनों को रद्द करने की मांग पर अडिग हैं तो वहीं सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि वह कानून वापस नहीं लेगी. अब पीएम मोदी ने रेल मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की एक प्रेस वार्ता का वीडियो शेयर कर उसे सुनने की अपील की है.
प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया है कि मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर जी और पीयूष गोयल जी ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है. इसे जरूर सुनें बता दें केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने गुरुवार को कहा कि कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को आंदोलन छोड़ वार्ता का रास्ता अख्तियार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के किसी भी मुद्दे पर यदि किसानों को आपत्ति है तो सरकार उस पर ‘खुले मन’ से चर्चा को तैयार है.
मंत्रिमंडल के मेरे दो सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर जी और पीयूष गोयल जी ने नए कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर विस्तार से बात की है। इसे जरूर सुनें-https://t.co/B9GwPf5i3K
— Narendra Modi (@narendramodi) December 11, 2020
उन्होंने कहा हमने प्रस्ताव भेजा है. उस प्रस्ताव पर जो कहना है वह अगले दिन वार्ता में कही जा सकती है. वार्ता टूट जाए तो आंदोलन के आगामी चरण की घोषणा उचित है.
अभी भी आग्रह करूंगा अगले चरण के आंदोलन को वापस लेकर वार्ता के माध्यम से रास्ता ढूंढना उचित रहेगा उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से भेजे गए प्रस्ताव में किसानों या प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को अगर लगता है कि उनकी कोई बात छूट गई है जो चर्चा करनी चाहिए, या फिर कोई आपत्ति है तो सरकार चर्चा करने के लिए तैयार है.
तोमर ने कहा सरकार वार्ता के लिए पूरी तरह तत्पर है. जैसे ही उनकी ओर से सूचना आएगी हम वार्ता करेंगे. मुझे आशा है कि रास्ता निकलेगा केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश को आत्मनिर्भर बनाने की लगातार कोशिश की जा रही है और इसके लिए किसानों को और गांव को आत्मनिर्भर बनाना ही होगा.