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2021 की शुरुआत में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रा जेनेका की कोरोना वैक्सीन हो सकती है उपलब्ध

कोविड के संक्रमण से बचाव के लिए ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन आने वाले वर्ष के फर्स्ट हाफ में देश में उपलब्ध हो सकती है. एस्ट्राजेनेका के भारत प्रमुख गगनदीप सिंह ने शनिवार को यह जानकारी दी. फिक्की के 93वें वार्षिक सम्मेलन में उन्होंने बोला कि महामारी की वर्तमान स्थिति में टीके को व्यापक स्तर पर और वक़्त रहते उपलब्ध किया जाने वाला है. सिंह ने कहा, “हमने अप्रैल में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ काम करना शुरू किया था और वर्तमान में हम इस टीके के आपातकालीन उपयोग की उम्मीद कर रहे हैं. इसका मतलब है कि 2021 के पूर्वार्ध में यह टीका उपलब्ध हो सकता है.”

ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन भारत के लिए अनुकूल: जंहा इस बात का पता चला है कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन मॉडर्ना, फाइजर या स्पुतनिक-V जैसी वैक्सीन की तुलना में बहुत ही अच्छा ऑप्शन है. हालांकि, वैज्ञानिकों का बोलना है कि सामने आया डेटा अभी शुरुआती स्तर के हैं. यह औसतन 70 फीसद प्रभावी होगा. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोग से बनने वाली वैक्सीन तीसरे चरण के ​​टेस्ट में 70.4 प्रतिशत प्रभावी पाई गई. प्रतिभागियों को वैक्सीन की 2 खुराक दिए जाने के उपरांत सामने आए डेटा को मिलाया गया, तो नतीजा सकारात्मक पाया गया. हालांकि, दो अलग-अलग खुराक में वैक्सीन का प्रभाव एक में 90 प्रतिशत और दूसरे में 62 फीसद रहा.

वैज्ञानिकों ने सावधान भी किया: जंहा यह भी कहा जा रहा है कि डेटा के आधार पर कई वैज्ञानिकों ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका पर उम्मीद जताने के साथ सावधानी बरतने की बात कही है. उन्होंने कहा कि याद रखना भी अहम् है कि उसके आंकड़े अस्थायी हैं और इसको लेकर पूर्ण विश्लेषण करना अभी मुश्किल है. मिली जानकारी के अनुसार ‘ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ग्रुप’ के निदेशक और ‘ऑक्सफोर्ड वैक्सीन ट्रायल’ के मुख्य जांचकर्ता एंड्रयू पोलार्ड ने कहा, “नतीजों से पता चलता है कि हमारे पास अनेक लोगों की जान बचानेवाला एक प्रभावी टीका है. उत्साहजनक रूप से, हमने पाया है कि हमारी खुराक में से एक लगभग 90 प्रतिशत प्रभावी हो सकती है.”

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