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नए कृषि कानून के खिलाफ किसानो ने निकाला पैदल मार्च

नए कृषि कानून के खिलाफ किसाओं का आंदोलन कम होने का नाम नहीं ले रहा है. किसान धीरे-धीरे आंदोलन का स्वरुप बढ़ाते ही जा रहे हैं. अब दूसरे राज्यों के भी किसान दिल्ली कूच करने की योजना बना रहे हैं.

इसी बीच खबर है कि दिल्ली- गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन को लेकर एक नया मामला सामने आया है. किसानों ने धरना स्थल से दिल्ली बॉर्डर तक मार्च निकाला. जानकारी के मुताबिक, किसानों ने सरकार की सद्बुद्धि के लिए पैदल मार्च निकाला है.

वहीं, कुछ देर पहले खबर सामने आई थी कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन ने राजस्‍थान में भी जोर पकड़ लिया है, जहां अनेक जगह पर किसानों ने शनिवार को राजमार्ग पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया.

वहीं, आज राजस्थान के किसान कोटपूतली से दिल्ली की ओर कूच करने के लिए रवाना हो गए हैं. इससे पहले किसान प्रदेश के विभिन्न जिलों से कोटपूतली में एकत्रित हुए थे. वही, अब खबर है कि राजस्थान के किसान शाहजहांपुर बॉर्डर पर पहुंच गए हैं. इसके बाद यहां पर आगामी रणनीति बनेगी. अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर किसानों ने आंदोलन शुरू किया है.

जानकारी के मुताबिक, करीब 50 किसान संगठन मिलकर साझा रणनीति बनाएंगे. स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव के भी कार्यक्रम में पहुंचने का अनुमान है. यहीं पर दिल्ली कूच करने का है ऐलान किया जाएगा. ऐसे में यहां पर सुरक्षा बलों से किसानों की झड़प भी हो सकती है. आज जयपुर- दिल्ली हाईवे को भी जाम किया जा सकता है.

वहीं, आज सुबह खबर सामने आई थी कि राजग की घटक राष्‍ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘अगर किसानों की इतनी ही चिंता है तो वह स्‍वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करें’. आरएलपी की ओर से कोटपूतली में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए बेनीवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने ये कानून लाते समय किसी से चर्चा नहीं की.

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