सरकार किसानो के साथ किसी तरह की नाइंसाफी नहीं होने देगी : नितिन गडकरी
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 20वें दिन पहुंच गया है. दिल्ली-एनसीआर में पारा लगातार गिरता जा रहा है, लेकिन किसानों की मांगों पर गतिरोध बढ़ता ही जा रहा है.
सरकार किसानों के साथ आमने-सामने से बात तो कर ही रही है, प्रदर्शनकारी किसानों को मनाने के लिए बैकडोर चैनल से भी बात कर रही है. लेकिन सिंघु, टिकरी और गाजीपुर पर डटे किसान नए कानूनों को रद्द करने से कम पर राजी नहीं है. अपनी मांगों के समर्थन में सोमवार को किसानों ने भूख हड़ताल भी की.
For Modi Govt:
Dissenting students are anti-nationals.
Concerned citizens are urban naxals.
Migrant labourers are Covid carriers.
Rape victims are nobody.
Protesting farmers are Khalistani.And
Crony capitalists are best friends.— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) December 15, 2020
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने किसानों के आंदोलन पर मोदी सरकार पर हमला किया है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि इस सरकार के लिए असहमति जताने वाले छात्र एंटी नेशनल हो जाते हैं, देश के जिम्मेदार और चिंतित नागरिक अबर्न नक्सल हो जाते हैं. प्रवासी मजदूरों को कोरोना का वाहक कहा जाता है. बलात्कार के पीड़ितों का कोई अस्तित्त्व नहीं है. विरोध प्रदर्शन करने वाले किसान खालिस्तानी हैं और क्रोनी कैपिटलिस्ट उनके सबसे अच्छे मित्र हो जाते हैं.
I don’t think Anna Hazare ji will join. We have not done anything against the farmers. It is the right of farmers to sell their produce in mandi, to traders or anywhere else: Union Minister Nitin Gadkari on farmers' protest pic.twitter.com/veSvhn6DWu
— ANI (@ANI) December 15, 2020
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उनकी सरकार किसानों को संवाद के जरिए समझाएगी और बातचीत के जरिए इस गतिरोध का रास्ता निकलेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अभी कृषि मंत्री और वाणिज्य मंत्री किसानों के साथ बातचीत कर रहे हैं. अगर उन्हें किसानों से बात करने के लिए कहा जाएगा तो निश्चित रूप से वह किसानों से बातचीत करेंगे.
Our Government will convince the farmers, explain and find a way through dialogue: Union Minister Nitin Gadkari https://t.co/LmgOjFjoY9
— ANI (@ANI) December 15, 2020
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलन में शामिल होने पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि अन्ना हजारे आंदोलन में शामिल होंगे. सरकार ने किसानों के खिलाफ कुछ नहीं किया है. ये किसानों का अधिकार है कि वे अपने उपज को मंडी में बेचें, या व्यापारी को बेचें या फिर किसी और को. उन्होंने कहा कि कुछ लोग किसानों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं ये गलत है. किसानों को इन तीनों कानूनों को समझना चाहिए.