राजधानी लखनऊ में जल्द शुरू होगा ब्लू लाइन मेट्रो का काम
राजधानी लखनऊ में ब्लू लाइन पर मेट्रो दौड़ने की फिर उम्मीद जगी है। प्रदेश सरकार ने यूपीएमआरसी को इसकी संशोधित डीपीआर केंद्र सरकार को जल्द भेजने के संकेत दिए हैं। फिर भी यही सवाल उठ रहा है कि प्रोजेक्ट पर काम कब शुरू होगा? यह स्थिति तब है जब चारबाग स्टेशन से ब्लू लाइन के लिए लिंक पहले ही तैयार है।
आगरा और कानपुर में मेट्रो का काम शुरू हो चुका है। इसके उलट इन प्रोजेक्ट से पहले ब्लू लाइन पर मेट्रो चलाने की तैयारी थी। अब इस पर काम शुरू होने के आसार दिख रहे हैं।
अधिकारियों के मुताबिक 12.5 किमी लंबी ब्लू लाइन के लिए केंद्र के निर्देश पर संशोधित डीपीआर बनाकर भेज दी गई है। इसमें इक्विटी में बजट कम करने के अलावा पीपीपी मॉडल पर निर्माण के लिए भी आकलन रिपोर्ट देने को कहा गया था। अब दोनों वित्तीय मॉडल पर आधारित संशोधित डीपीआर करीब डेढ़ साल से अनुमति के इंतजार में है।
पिछले दिनों मेट्रो अधिकारियों ने आवास विभाग में बात भी की। अब सभी विभागों की आपत्तियों के जवाब अगले सप्ताह तक देने के लिए मेट्रो को कहा है। शासन से संकेत मिले हैं कि 2021 की शुरुआत में केंद्र को संशोधित डीपीआर वित्तीय अनुमति के लिए भेजी जाएगी।
ब्लू लाइन पर 12 स्टेशन होंगे, जिनमें सात भूमिगत हैं। यह लाइन अमीनाबाद, नाका, कैसरबाग, चौक, ठाकुरगंज जैसे घनी आबादी वाले इलाकों से गुजर रही है। इस पर करीब 4400 करोड़ रुपये खर्च होंगे। रेड लाइन की तुलना में यहां छोटे स्टेशन बनाने की योजना है। वहीं, चार की जगह तीन कोच की ट्रेन चलेगी।
लखनऊ में मेट्रो से सीजी सिटी, एसजीपीजीआई, जानकीपुरम, इंदिरानगर से गोमतीनगर लिंक के लिए भी काम होना है। इसके लिए टेक्नो-फिजियबिलिटी रिपोर्ट भी दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन बनाकर दे चुकी है। बसंतकुंज लाइन पर देरी से बाकी पर काम कब शुरू होगा, यह बड़ा सवाल है।
31 हजार के ऊपर पहुंची राइडरशिप
यूपीएमआरसी के एमडी कु मार केशव ने बताया कि लॉकडाउन के बाद पहली बार 31 हजार के ऊपर राइडरशिप पहुंची। लॉकडाउन में जब मेट्रो बंद थी, उस समय औसत राइडरशिप करीब 60 हजार थी। अधिकारियों का दावा है कि देश में सबसे अधिक तेजी से हमारी राइडरशिप बढ़ रही है। दिल्ली मेट्रो 35 प्रतिशत तक ही राइडरशिप वापस पा सकी है। लखनऊ मेट्रो को 50 फीसदी से अधिक राइडरशिप मिल चुकी है।
यूपीएमआरसी के एमडी कुमार केशव का कहना है कि संशोधित डीपीआर प्रदेश सरकार की अनुमति को भेजी जा चुकी है। उम्मीद है कि जल्दी केंद्र की अनुमति के लिए ब्लू लाइन की डीपीआर भेज दी जाएगी। वहां से वित्तीय अनुमति मिलते ही प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। अनुमति के बाद भी प्रोजेक्ट पूरा करने में करीब पांच साल लग जाएंगे।