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लखनऊ वासियो के लिए खुशखबरी जल्द शुरू होने जा रहा है मेट्रो ब्लू लाइन पर काम

राजधानी लखनऊ में रहने वाले लोगों के मन में ब्लू लाइन (चारबाग से बसंत कुंज) पर मेट्रो दौड़ने की फिर उम्मीद जगी है। प्रदेश सरकार ने UPMRC को इसकी संशोधित डीपीआर केंद्र सरकार को जल्द भेजने के संकेत दिए हैं। आगरा और कानपुर में मेट्रो का काम शुरू हो चुका है। इन प्रोजेक्ट से पहले लखनऊ में ब्लू लाइन रूट पर मेट्रो चलाने की तैयारी थी। काफी समय बाद अब इस पर काम शुरू होने के आसार दिख रहे हैं।

यूपीएमआरसी अधिकारियों के मुताबिक 12.5 किमी लंबी ब्लू लाइन के लिए केंद्र के निर्देश पर संशोधित डीपीआर बनाकर भेज दी गई है। डीपीआर में इक्विटी में बजट कम करने के अलावा पीपीपी मॉडल पर निर्माण के लिए भी आकलन रिपोर्ट देने को कहा गया था। अब दोनों वित्तीय मॉडल पर आधारित संशोधित डीपीआर करीब डेढ़ साल से अनुमति के इंतजार में है।

यूपीएमआरसी से मिली जानकारी के अनुसार ब्लू लाइन पर कुल 12 मेट्रो स्टेशन होंगे, जिनमें सात स्टेशनों के भूमिगत होने की बात कही जा रही है। ब्लू लाइन अमीनाबाद, नाका, कैसरबाग, चौक, ठाकुरगंज जैसे घनी आबादी वाले इलाकों से गुजरेगी। रेड लाइन के मुकाबले ब्लू लाइन में चार की जगह सिर्फ तीन कोच होंगे। हालांकि, रेड लाइन की तुलना में ब्लू लाइन के स्टेशन भी छोटे होंगे। ब्लू लाइन के लिए होने वाला कुल खर्च करीब 4,400 करोड़ बताया जा रहा है।

यूपीएमआरसी के एमडी कुमार केशव के अनुसार पहली बार 31 हजार के ऊपर राइडरशिप पहुंची और यह आंकड़ा लॉकडाउन के बाद का है। लॉकडाउन में जब मेट्रो बंद थी, उस समय औसत राइडरशिप करीब 60 हजार थी। अधिकारियों का दावा है कि देश में सबसे अधिक तेजी से हमारी राइडरशिप बढ़ रही है। दिल्ली मेट्रो 35 प्रतिशत तक ही राइडरशिप वापस पा सकी है।

उन्होंने कहा कि संशोधित डीपीआर उत्तर प्रदेश सरकार की अनुमति को भेजी जा चुकी है। उम्मीद है कि जल्द ही केंद्र की अनुमति के लिए ब्लू लाइन की डीपीआर भेज दी जाएगी। वहां से वित्तीय अनुमति मिलते ही प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। अनुमति के बाद भी प्रोजेक्ट पूरा करने में करीब पांच साल लग जाएंगे।

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