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हिमाचल प्रदेश में निजी स्कूलों की फीस को जांचने के लिए बनाई जांच कमेटियां

हिमाचल प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी फीस वसूलने के मामले पर बुधवार को हुई जयराम कैबिनेट फैसला लिया है कि स्कूलों की फीस को जांचने के लिए जिलों उपायुक्तों की अध्यक्षता में जांच कमेटियां बनाई जाएंगी.

ये कमेटियां फीस से जुड़े रिकॉर्ड को जांचेगी और सुनिश्चित करेंगी कि स्कूल फीस से अभिभावकों का शोषण तो नहीं हो रहा है. छात्र अभिभावक मंच लगातार इस मुद्दे को उठा रहा है, इसी के चलते कैबिनेट में ये मुद्दा लगा था.

अब मंच ने कैबिनेट के इस फैसले को आई वॉश बताया और अभिभावकों को गुमराह करने का आरोप लगाया है. फैसले के विरोध में छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशालय का घेराव किया और परिसर में जमकर नारेबाजी की. इस दौरान उच्चतर शिक्षा निदेशक ने कार्यालय के गेट पर आकर प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की और उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया.

परिसर में प्रदर्शन के दौरान मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा समेत अन्य सदस्यों ने कहा कि ये निर्णय तर्कहीन है. इस फैसले से केवल निजी स्कूल प्रबंधनों का ही फायदा होगा और अभिभावकों का शोषण जारी रहेगा. उन्होंने सरकार से मांग की है कि ट्यूशन फीस को छोड़ अन्य सभी तरह के चार्जिज पर रोक लगाने के लिए तुरन्त अधिसूचना और आदेश जारी किए जाएं.

निजी स्कूल फीस मुद्दा: कैबिनेट का फैसला फैसला 'आईवॉश', शिक्षा निदेशालय घेरा

साथ ही कहा कि इस फैसले से निजी स्कूलों द्वारा वसूले जा रहे चार्जिज को कानूनी रूप मिल जाएगा. मंच के सदस्यों ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर निजी स्कूलों पर नरम रहने का भी आरोप लगाया. मंच ने चेतावनी दी है कि रोक लगाने के लिखित आदेश जारी नहीं हुए तो 28 दिसंबर को फिर से प्रदर्शन किया जाएगा.

मंच ने निजी स्कूलों में पढ़ने वाले 6 लाख छात्रों के 10 लाख अभिभावकों से अपील की कि स्कूलों की एनुअल चार्जिज और अन्य शुल्कों सहित पूर्ण फीस उगाही का बहिष्कार करें और इस आंदोलन में एकजुट होकर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें.

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