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उत्तर प्रदेश : स्वास्थ्य जांच के लिए योगी आदित्यनाथ ने ये अभियान किया लॉन्च

उत्तर प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा लोगों की स्वास्थ्य जांच के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने 1 महीने का अभियान लॉन्च किया है. इसके तहत लोगों की टीबी की जांच की जाएगी.

बता दें 1993 में भारत सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के सहयोग से पाई गई कमियों की पूर्ति कर राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम गठित किया गया. संशोधित कार्यक्रम के अंतर्गत डॉट्स पद्धति से क्षय रोगियों का उपचार कर क्षय रोग के प्रसार को रोकना है.

यह अभियान मुख्य रूप से टीबी के मरीजों की खोज के लिए शुरू किया गया है. अभियान 26 दिसंबर से लेकर 25 जनवरी तक चलाया जाएगा. 3 चरणों में बांटे गए इस अभियान को सही तरीके से अंजाम दिया गया तो सोसाइटी का एक भी सेक्टर ऐसा नहीं होगा, जिसकी सघनता से जांच नहीं हो जाएगी. किसी भी संभावित टीबी मरीज के इस अभियान में छूटने की आशंका को खत्म करने की कोशिश की गई है.

बता दें कि कोरोना काल में टीबी मरीजों के इलाज में कुछ बाधा आई थी. टीबी पेशेंट के इलाज में लगा पूरा तंत्र कोरोना में लगा दिया गया था. यही वजह रही कि इस साल नए टीबी मरीजों की खोज प्रभावित हुई है.

अब इस भयानक जानलेवा संक्रामक बीमारी के प्रति राज्य सरकार ने बहुत गंभीर प्रयास शुरू किए हैं. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने सभी जिलाधिकारियों को चिट्ठी लिखी है कि 1 महीने का सघन अभियान चलाकर टीबी मरीजों की खोज की जाए. खास बात यह है कि टीबी के साथ-साथ कोरोना की भी जांच की जाएगी.

इससे पहले भी राज्य सरकार ने टीबी मरीजों की खोज के लिए एक अभियान लांच किया था. बता दें कि सभी संक्रामक बीमारियों में टीबी ऐसी बीमारी है, जिससे सबसे ज्यादा लोग मरते हैं. पूरे देश में जितने टीबी मरीज हैं, उसका पांचवा हिस्सा अकेले यूपी में हैं.

ऐसे में इस बीमारी की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है. कोरोना काल में भले ही टीबी मरीजों की खोज और उनके इलाज में थोड़ी समस्या आई हो लेकिन अब राज्य सरकार ने पुरजोर तरीके से इस लड़ाई में जुटने का फैसला किया है.

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