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जाने भगवान शिव के प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि। ..

प्रदोष व्रत की हिंदू धर्म शास्त्रों में काफी महिमा बताई गई है. प्रदोष व्रत भोलेशंकर भगवान शिव को समर्पित माना जाता है. साल का आखिरी प्रदोष व्रत 27 दिसंबर रविवार को पड़ रहा है.

रविवार के दिन प्रदोष व्रत आने से इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जाएगा. यह व्रत मार्गशीष मास का प्रदोष व्रत है.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जो जातक सच्चे मन से प्रदोष व्रत करते हुए महादेव की पूजा-अर्चना करते हैं भोलेशंकर उस भक्त की मनोकामनाएं पूरी करते हैं और उस पर कृपा करते हैं. आइए जानते हैं प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त, मंत्र और पूजा विधि…

सुबह की पूजा का शुभ मुहूर्त: 27 दिसंबर, शनिवार – प्रातः 5 बजकर 23 मिनट से सुबह 6 बजकर 54 मिनट तक पूजा का मुहूर्त है.

संध्या पूजा का शुभ मुहूर्त: 27 दिसंबर, शनिवार – प्रदोष काल यानी कि शाम में 5 बजकर 32 मिनट से शाम 6 बजकर 54 मिनट तक पूजा का मुहूर्त है.

भगवान शिव के इन मंत्रों का करें जाप:

ॐ नमः शिवाय .
ॐ आशुतोषाय नमः .
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् .

प्रदोष व्रत रखने वाले जातक सबसे पहले उठ कर स्‍नान करें. इसके बाद पवित्र होकर बादामी रंग के वस्‍त्र धारण करें. एक सफेद कपड़े पर स्‍वास्तिक बनाएं. अब भगवान गणेश जी का ध्‍यान करें और उस पर चावल, चावल चढ़ाएं.

इसके बाद महादेव की प्रतिमा विराजित करें और उन्‍हें सफेद फूलों के हार पहनाएं. इसके बाद दीप और धूप भी जला दें. अब ओम नम: का 108 बार जाप करें और शिव चालीसा, शिव स्‍तुति और शिव आरती करें. इसके बाद भगवान शिव को सफेद मिठाई का भोग लगाएं.

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