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लखनऊ आगरा एक्सप्रेस-वे के टोल प्लाजा पर गाड़ियों की लगी कतार

सरकार की कोशिश है कि मुसाफिरों का समय बचे, पेट्रोल-डीजल बर्बाद न हो और टोल टैक्स की व्यवस्थित ढंग से वसूली हो। इसके लिए ही अब वाहनों में फास्टैग लगाए जा रहे हैं

ताकि सेंसर उसे स्कैन करे और अपने आप टोल टैक्स अदा हो जाए, लेकिन अभी व्यवस्था पूरी तरह ढर्रे पर नहीं आ सकी है। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर कुछ वजहों से टोल प्लाजा पर कई बार लंबी कतारें लग रही हैं।

टोल व्यवस्था में सरकार फास्टैग को धीरे-धीरे लाई। पहले कुछ लेन को फास्टैग से लैस किया और बाकी पर पुरानी व्यवस्था रही। फिर नकद टैक्स अदा करने की आदत को हतोत्साहित करने के लिए बिना फास्टैग वाले वाहनों पर टोल टैक्स को लगभग दोगुना कर दिया।

अब एक जनवरी, 2021 से भारत सरकार सभी हाईवे पर फास्टैग को ही अनिवार्य करने जा रही है। वहीं, मौजूदा स्थिति को देखें तो अभी तमाम हाईवे पर यह व्यवस्था ढंग से अमल में नहीं आ पाई है। इसी वजह से अक्सर यहां लंबी लाइनें लग जाती हैं।

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे का ही उदाहरण लें। बेतरतीब ढंग से बिना फास्टैग वाले वाहन बीच में आ जाते हैं। नकद में भले ही उनसे लगभग दोगुना टोल वसूला जाता हो, लेकिन इससे दूसरे वाहन चालकों को बेवजह खड़े रहना पड़ रहा है।

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के अधिकारियों का दावा है कि हमारी सभी लेन में फास्टैग की व्यवस्था लागू है। साथ ही आगरा और लखनऊ टोल प्लाजा पर इसकी मॉनीटरिंग भी की जा रही है।

निजी कंपनी को दो वर्ष के लिए टोल वसूली का ठेका दिया गया है। टोल प्लाजा पर फास्टैग के बावजूद लाइन लगने के सवाल पर तर्क देते हैं कि कई बार नेटवर्क की वजह से भी परेशानी आती है।

यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के दोनों टोल प्लाजा की सभी लेन फास्टैग वाली हैं। अभी त्योहार की वजह से वाहनों का दबाव एकदम बढ़ा

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