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असम : सरकारी मदरसों को बंद करने का विधेयक आज विधानसभा में होगा पेश

असम में सरकारी मदरसों और संस्कृत स्कूल को बंद करने का विधेयक आज विधानसभा में पेश किया जाएगा.

मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सोमवार को कहा कि आज मैं विधानसभा में मदरसों को लेकर विधेयक पेश करूंगा. इस विधेयक के पास होने के बाद असम में सरकारी मदरसों का संचालन बंद हो जाएगा, जो कि असम की स्वतंत्रता के पहले से चल रहा था.

असम विधानसभा का तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है. पिछले दिनों ही मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक के दौरान सरकारी मदरसों और संस्कृत स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया था. इसके बाद सरकार ने विधेयक को विधानसभा में पेश करने का प्लान बनाया था.

शिक्षा मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने अक्टूबर में कहा था कि असम में 610 सरकारी मदरसे हैं और सरकार इन संस्थानों पर प्रति वर्ष 260 करोड़ रुपये खर्च करती है. राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड असम को भंग कर दिया जाएगा. सभी सरकारी मदरसे को उच्च विद्यालयों में तब्दील कर दिया जाएगा और वर्तमान छात्रों के लिए नया नामांकन नियमित छात्रों की तरह होगा.

वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा के उपाध्यक्ष अमीनुल हक लस्कर ने कहा था कि मदरसे निजी पार्टियों द्वारा चलाए जाते हैं, इन मदरसों को बंद नहीं किया जाएगा. मतलब, सामाजिक संगठनों और अन्य गैर सरकारी संगठनों द्वारा चलाए जा रहे प्राइवेट मदरसे चलते रहेंगे.

गौरतलब है कि असम में दो तरह के मदरसे संचालित होते हैं, एक सरकारी मान्यता प्राप्त वाले और दूसरे वो जो निजी संगठन चलाते हैं. सरकारी मदरसों को राज्य सरकार हर साल ग्रांट देती है, जबकि प्राइवेट मदरसे अपने खर्च पर संचालित होते हैं. सरकार ने सरकारी मदरसों को बंद करने का ऐलान किया है.

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