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उत्तराखंड: नकली शराब बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश, तीन गिरफ्तार

आबकारी विभाग ने राजधानी देहरादून में नकली देशी शराब बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। नकली शराब पटेल नगर के देहराखास क्षेत्र में एक घर में बनाई जा रही थी। विभाग ने घटनास्थल से तैयार नकली शराब, नकली शराब बनाने की सामग्री, खाली बोतलें, होलोग्राम, लेबल व ढक्कन बरामद किए हैं। पकड़े गए आरोपितों से इस काम में शामिल उनके सहयोगियों के बारे में पूछताछ की जा रही है।

करीब एक माह पहले आबकारी विभाग को राजधानी में नकली देशी शराब बनाने की फैक्ट्री के बारे में सूचना मिली थी। सूचना यह भी थी कि आसपास के क्षेत्रों में इस नकली शराब की भारी मात्रा में आपूर्ति की जा रही है। विभाग के आला अधिकारियों ने इस फैक्ट्री को पकड़ने के लिए तत्काल जिला आबकारी अधिकारी रमेश बंगवाल के निर्देशन में एक टीम गठित कर दी थी। महीने भर से जांच-पड़ताल में जुटी टीम को रविवार को नकली शराब की फैक्ट्री के बारे में पुख्ता जानकारी मिल गई।

इसके बाद आबकारी निरीक्षक संजय रावत के नेतृत्व में एक टीम ने देहराखास स्थित टीएचडीसी कॉलोनी में विपिन कुमार उर्फ विक्की के घर पर छापा मारा। यहां बड़े पैमाने पर नकली देशी शराब बनाई जा रही थी। घटनास्थल से विपिन को गिरफ्तार कर सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने अपने दो साथियों शुभम और नितिन उर्फ काला के बारे में बताया। विभाग की टीम शुभम और नितिन को भी अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद टीम ने विपिन की निशानदेही पर नकली शराब के पव्वों से भरी एक कार और बाइक भी बरामद की। कार में शरा के 104 पव्वे और बाइक में 60 पव्वे थे। आरोपित इस शराब की सप्लाई करने वाले थे।

आबकारी निरीक्षक संजय रावत ने बताया कि आरोपितों से पूछताछ में इस काले धंधे में अन्य व्यक्तियों की संलिप्तता की भी पुष्टि हुई है। उक्त व्यक्तियों के संबंध आरोपितों से पूछताछ की जा रही है। छापेमारी करने वाली टीम में निरीक्षक सरोज पाल, प्रधान आबकारी सिपाही धर्मपाल सिंह रावत, हिमांशु, भास्कर, प्रमिला, दीप चंद्र आदि शामिल रहे।

होलोग्राम की होगी जांच

घटनास्थल पर भारी मात्रा में देशी शराब के होलोग्राम मिले हैं। आबकारी निरीक्षक संजय रावत ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या होलोग्राम नकली प्रतीत हो रहे हैं। हालांकि, इन होलोग्राम की जांच कराई जाएगी। जांच से ही स्पष्ट होगा कि होलोग्राम अधिकृत हैं या नकली। अगर होलोग्राम अधिकृत पाए गए तो इसमें विभागीय कर्मचारियों और ठेकेदारों की कार्यशैली पर भी सवाल उठ सकते हैं।

नकली शराब से पथरिया पीर में हुई थी सात व्यक्तियों की मौत

सितंबर 2019 में पथरिया पीर में नकली शराब के सेवन से सात व्यक्तियों की मौत हो गई थी। तब आबकारी विभाग की कार्यशैली पर तमाम सवाल खड़े हुए थे। इस नकली शराब बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ नहीं होता तो पथरिया पीर जैसी घटना दोबारा हो सकती थी।

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