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पौष मास 31 दिसंबर से 28 जनवरी तक जाने सूर्य की उपासना से क्या होता है लाभ

हिन्दू पंचांग के 10वें महीने को पौष कहते हैं. इस महीने में हेमंत ऋतु का प्रभाव रहता है अतः ठंढक काफी रहती है. इस महीने में सूर्य अपने विशेष प्रभाव में रहता है.

इस महीने में मुख्य रूप से सूर्य की उपासना ही फलदायी होती है. मान्यता है कि इस महीने सूर्य ग्यारह हजार रश्मियों के साथ व्यक्ति को उर्जा और स्वास्थ्य प्रदान करता है. पौष मास में अगर सूर्य की नियमित उपासना की जाय तो वर्ष भर व्यक्ति स्वस्थ्य और संपन्न रहेगा. इस बार पौष मास 31 दिसंबर से 28 जनवरी तक रहेगा.

नित्य प्रातः स्नान करने के बाद सूर्य को जल अर्पित करें. ताम्बे के पात्र से जल दें, जल में रोली और लाल फूल डालें. इसके बाद सूर्य के मंत्र ॐ आदित्याय नमः का जाप करें. इस माह नमक का सेवन कम से कम करें.

खाने पीने में मेवे और स्निग्ध चीजों का इस्तेमाल करें. चीनी की बजाय गुड का सेवन करें. अजवाइन, लौंग और अदरक का सेवन लाभकारी होता है. इस महीने में ठंडे पानी का प्रयोग, स्नान में गड़बड़ी और अत्यधिक खाना खतरनाक हो सकता है. इस महीने में बहुत ज्यादा तेल घी का प्रयोग भी उत्तम नहीं होगा

इस महीने में मध्य रात्रि की साधना उपासना त्वरित फलदायी होती है. इस महीने में गर्म वस्त्रों और नवान्न का दान काफी उत्तम होता है. इस महीने में लाल और पीले रंग के वस्त्र भाग्य में वृद्धि करते हैं. इस महीने में घर में कपूर की सुगंध का प्रयोग स्वास्थ्य को खूब अच्छा रखता है.

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